सरकार ने आवारा पशुओं को लेकर बड़ा फैसला लिया है. गायों के दूध देना बंद कर देने के बाद बेसहारा छोड़ देने वालों के खिलाफ सरकार सख्त कार्रवाई करेगी. ऐसे लोगों के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत केस दर्ज होगा. सोमवार को विधानसभा में चर्चा के दौरान ‘गाय’ का मुद्दा भी उठा था. इसके बाद देर शाम सरकार ने यह आदेश जारी किया.

सोमवार को गाय को लेकर उत्तर प्रदेश विधानसभा में काफी देर तक बहस चली. सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गाय के दूध को लेकर सवाल उठाए और नेता सदन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से पूछा कि क्या 4 रुपए अधिक देखकर गाय का दूध नहीं लिया जा सकता क्योंकि भैंस के दूध में फैट होता है और गाय का दूध ज्यादा फायदेमंद होता है. इसके बाद विधानसभा में सपा के अयोध्या के मिल्कीपुर से विधायक अवधेश प्रसाद ने कहा कि जब गाय दूध देना बंद कर देती हैं तो लोग उन्हें सड़क पर छोड़ देते हैं. उसके बाद गाय मां की मौत होती है. सरकार से पूछा कि आवारा पशुओं और इनकी वजह से मारे गए लोगों को मुआवजे देने के लिए सरकार की क्या योजना है.

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जिसके बाद सरकार की तरफ से यह कहा गया कि अब दूध ना देने वाली गायों को अगर सड़क पर छोड़ा गया या उन्हें निकाला गया तो संबंधित गाय मालिक के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत केस दर्ज किया जाएगा और फिर कार्रवाई की जाएगी. पशुपालन मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि ये आवारा मवेशी नहीं हैं, बल्कि उन्हें छोड़ा गया है. यह हर कोई जानता है कि उन्हें किसने छोड़ा है. एक गाय जब दूध देती है तब उसे रखा जाता है और जब दूध देना बंद करती है तब उसे छोड़ दिया जाता है. कसाई और किसान के बीच अंतर है. हम किसानों का ध्यान रखेंगे, लेकिन कसाइयों का नहीं.

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