शब्बीर अहमद,भोपाल। मध्यप्रदेश में पुरानी पेंशन बहाल करने समेत कई मांगों को लेकर एक बार फिर सरकारी कर्मचारी सड़क पर उतर आए हैं। कर्मचारी शनिवार, 29 अप्रैल को भोपाल में बड़े स्तर पर धरना प्रदर्शन कर रहे है। जिसमें प्रदेशभर के कर्मचारी शामिल है। इससे पहले ये कर्मचारी सभी जिलों में कलेक्टरों को ज्ञापन सौंप चुके हैं। इस प्रदर्शन को कई कर्मचारी यूनियन का समर्थन मिला है।

नीलम पार्क में कर्मचारियों का धरना प्रदर्शन जारी 

मध्यप्रदेश लिपिक वर्गीय कर्मचारी संघ, तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ, मध्यप्रदेश लघु वेतन कर्मचारी संघ, मध्यप्रदेश वाहन चालक यांत्रिकी कर्मचारी संघ, मध्यप्रदेश पेंशनर एसोसिएशन के आह्वान पर यह धरना प्रदर्शन किया गया है। कर्मचारियों के द्वारा जहांगीराबाद स्थित नीलम पार्क में यह धरना प्रदर्शन किया जा रहा। इसके जरिए सरकार तक अपनी बात पहुंचाने के कोशिश की जा रही है।

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पूरा मामला जानिए क्या है

मध्यप्रदेश में 1 जनवरी 2005 के बाद भर्ती अधिकारी-कर्मचारियों के लिए अंशदायी पेंशन योजना लागू है। इसके तहत कर्मचारी 10 प्रतिशत और इतनी ही राशि सरकार मिलाती है। कर्मचारी संगठन के अनुसार, इस राशि को शेयर मार्केट में लगाया जाता है। इसके चलते कर्मचारियों का भविष्य शेयर मार्केट के ऊपर निर्भर हो गया है। रिटायरमेंट होने पर 60 प्रतिशत राशि कर्मचारी को नकद और शेष 40 प्रतिशत राशि की ब्याज से प्राप्त राशि पेंशन के रूप में कर्मचारी को दी जाती है। पुरानी पेंशन बहाली संघ के अनुसार, पुरानी पेंशन नीति में सैलरी की लगभग आधी राशि पेंशन के रूप में मिलती थी। डीए बढ़ने पर पेंशन भी बढ़ जाती थी। नई नीति में ऐसा कुछ भी नहीं है। इसलिए कर्मचारियों में इस बात का विरोध है।


डॉक्टरों के आंदोलन को संविदा और बॉन्डे चिकित्सकों ने दिया समर्थन 

वहीं इधर डॉक्टरों के आंदोलन से जुड़ी हुई एक बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल टीचर्स मेडिकल एसोसिएशन को संविदा और बॉन्डे चिकित्सकों ने अपना समर्थन दिया है। वे भी 1 से 3 मई तक होने वाले इस आंदोलन शामिल होंगे और कोई भी कार्य नहीं करने का फैसला लिया गया है। बता दें कि प्रदेश में 10 हजार से ज्यादा डॉक्टर्स 1 मई से हड़ताल पर जाने वाले है। 

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वहीं संविदा और बॉन्डे चिकित्सकों के साथ आने से प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा सकती है। डाक्टरों की मांग है कि पुरानी पेंशन बहाल हो,अधिकारियों की दखलंदाजी बंद हो, DACP नीति लागू की जाए। डॉक्टरों की पदोन्नति के लिए बनाई गई है एश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन। वहीं मांग पूरी नहीं होने पर सभी डॉक्टर्स हड़ताल पर जाएंगे। बता दें कि इससे पहले 17 फरवरी को भी डॉक्टर्स हड़ताल पर गए थे। वहीं आश्वासन के बाद वापस काम पर लौटे थे। लेकिन एक बार फिर वहीं स्थिति बन गई है। 

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