रायपुर। छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम में छपाई के काम में दो फर्मों द्वारा फ़र्ज़ी तरीके से बैंक गारन्टी जमा करके करोड़ों का काम लेने की बात सामने आ रही है. सूत्रों के मुताबिक़ प्रिंटिंग के काम के लिए पाठ्य पुस्तक निगम ने तीन फर्मों से 20-20 लाख रुपये की बैंक गारंटी मांगी थी. जिसमें से एक फर्म ने 20 लाख रुपये की बैंक गारंटी दी, जबकि बाकी दो फर्मों ने एक ही बैंक गारंटी देकर करोड़ों का काम ले लिया. बताया जा रहा है इसमें से एक फर्म पाठ्य पुस्तक निगम में चर्चित रहे एक अधिकारी के रिश्तेदार का है.

सूत्रों के मुताबिक विभाग के आला अधिकारियों की जानकारी में ये बात आने के बाद पाठ्य पुस्तक निगम से लेकर मंत्रालय तक में हड़कंप मचा हुआ है. हालांकि इस बात की पुष्टि कोई भी प्रशासनिक अधिकारी नहीं कर रहा है.

फर्म से जुड़े करीबी लोग अधिकारियों के साथ सांठगांठ करके मामले की लीपापोती में जुट गए हैं. इस मामले में गड़बड़ी करने वालों का जेल जाना तय है. इसलिए इसे दबाने में उन लोगों ने अपनी पूरी ताक़त झोंक दी है.

शिक्षा विभाग के प्रमुख अधिकारी आलोक शुक्ला ने कहा कि उन्हें इस घटना की जानकारी नहींं है. वे घटना की जानकारी लेंगे, अगर ये घटना हुई हुई तो बेहद गंभीर है. इस बारे में हमने पाठ्य पुस्तक निगम की प्रबंध संचालक इफ्फत आरा से बात करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.