शब्बीर अहमद, भोपाल। राजधानी भोपाल से गिरफ्तार जमात ए मुजाहिदीन (Jamaat e Mujahideen) के चार आतंकवादियों पर बड़ा खुलासा हुआ है। आतंकियों के भारत आने के मामले में सनसनीखेज खुलासा हुआ है। ये खुलासा आकंतवादियों ने पुलिस से पूछताछ में किया है। सभी आतंकवादी त्रिपुरा के रास्ते भारत में घुसपैठ की थी। भारत आने के लिए आतंकवादियों ने दलालों को प्रति व्यक्ति 4-4 हजार रुपए दिए थे। दलालों ने ही सभी आतंकवादियों को सीमा पार करने में मदद की थी। ये दलाल बांग्लादेश और भारत दोनों तरफ के हैं। आतंकियों के खुलासे के बाद पुलिस और एटीएस मदद करने वाले दलालों की पहचान करने में जुट गई है।

इधर आतंकवादियों कोे खुलासे के बाद लालों के नेटवर्क को तोड़ने के लिए ATS ने स्पेशल टीम गठित की है। DSP रैंक के ऑफिसर को इस टीम को लीड करेगा। आतंकियों ने बताया कि भारत में आने के बाद कुछ समय असम में भी बिताया था। इसके बाद उत्तरप्रदेश में रहे। ATS उनके रहने वाले स्थानों की जानकारी जुटा रही है। आतंकियों ने पूछताछ में बताया कि भारत-बांग्लादेश के दोनों तरफ दलालों का नेटवर्क सक्रिय हैं, जो सीमा के दोनों तरफ काम करते हैं। ज्यादातर दलालों के एजेंट ढाका (बांग्लादेश) में हैं। उनके सहयोगी सीमा के पास गांवों में एक्टिव रहते हैं। भारत में दाखिल होने के बाद घुसपैठिए खुद को मजदूर बताते हैं।

बता दें कि खुफिया एजेंसी ने रविवार को ऐशबाग थाना (aishbagh police station) इलाके से चार आतंकवादियों (terrorists) को गिरफ्तार किया था। साथ ही उनके पास से भारी मात्रा में विस्फोटक मिला था। आतंकवादी ऐशबाग थाना क्षेत्र में स्थित फातिमा मस्जिद के पास किराए का मकान लेकर रह रहे थे। खुफिया एजेंसी ने बिल्डिंग से धार्मिक साहित्य सहित 12 से अधिक लैपटॉप भी जब्त किया था।

चारों बांग्लादेशी आतंकवादी हैं.

फजहर अली (32) उर्फ मेहमूद पिता अशरफ इस्लाम, मोहम्मद अकील (24) उर्फ अहमद पिता नूर अहमद शेख, जहूरउद्दीन (28) उर्फ इब्राहिम उर्फ मिलोन पठान उर्फ जौहर अली पिता शाहिद पठान, फजहर जैनुल आबदीन उर्फ अकरम अल हसन उर्फ हुसैन पिता अब्दुल रहमान को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। यह चारों बांग्लादेशी आतंकवादी हैं।

जानें किन-किन धमाकों से जुड़े हैं तार?

साल 2005 में बांग्लादेश के 50 शहरों व कस्बों में 300 स्थानों पर करीब 500 बम विस्फोट हुए थे। ये धमाके JMB ने ही कराए थे. साल 2014 में पश्चिम बंगाल के बर्धमान में बम ब्लास्ट हुआ था, जिसमें दो लोग मारे गए थे। साल 2018 में बोधगया में बम ब्लास्ट हुआ था, वो भी इसी संगठन ने किया था।  साल 2019 में भारत सरकार ने इसे 5 साल के लिए प्रतिबंधित संगठन घोषित कर दिया था।

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