वैभव शिव पाण्डेय, रायपुर। छत्तीसगढ़ में एक बड़े बैंक घोटाले का खुलासा हुआ है. आरटीआई एक्टिविस्ट कुणाल शुक्ला ने इस मामले का खुलासा दस्तावेजों के आधार पर किया है. जिसमें छत्तीसगढ़ जिला सहकारी बैंक सहित 4 निजी बैंकों में 5 सौ करोड़ से अधिक का कालाधन उजागर हुआ है. यह खुलासा रिजर्व बैंक ऑप इंडिया की जाँच रिपोर्ट से हुआ है. आरबीआई ने 2015 में जाँच रिपोर्ट के आधार पंजीयक सहकारी संस्था को इस मामले में कार्रवाई की अनुशंसा की थी.
लेकिन इसके बाद पंजीयक सहकारी संस्था आरबीआई की कार्रवाई अनुशंसा को प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ सहकारी बैंक को भेज दिया था. लेकिन बीते 3 साल में इस मामले कोई कार्रवाई नहीं हुई. कुणाल शुक्ला का आरोप है कि 15 फर्जी बैंक खाते के जरिये प्रकाश इंडस्ट्रीज के खाते में 493 करोड़ रुपये जमा हुए. वहीं त्रिपति ट्रेडर्स के खाते में 55 करोड़ हुए जमा. जिन 4 निजी और एक जिला सहकारी बैंक में फर्जी खातों के जरिए मनी लॉड्रिंग का मामला सामने आया है उसमें एक्सिज बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटेक महेन्द्रा बैंक और करुर वैश्य बैंक शामिल है.
कुणाल शुक्ला ने आरोप है लगाते हुए यह सवाल किया है कि आखिर फर्जी खातों के जरिए प्रकाश इंड्रस्टी तक 493 करोड़ की राशि कैसे पहुँची ? आखिर इसके पीछे मकसद क्या था ? जमा किए गए रकम क्या ब्यूरोकेट्स के हैं? नक्सलियों के हैं ? या फिर राजनेताओं के हैं? इनका खुलासा होना चाहिए.
प्रबंध संचालक को कार्रवाई का आदेश
इस मामले में 3 मार्च 2015 को आरबीआई की जांच रिपोर्ट का हवाला देते हुए पंजीयक सहकारी संस्थाएं अविनाश चंपावत ने छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक के प्रबंध संचालक को 5 बिन्दुओँ पर पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने आरबीआई के प्रतिवेदन के अनुशंसा के आधार पर कार्यवाही कर अवगत कराने का निर्देश दिया था.
ये थी अनुशंसा
1) वित्तीय वर्ष 2010 से 2014 तक नई मण्डी शाखा, सीओडी शाखा एवं रामसागरपारा शाखा के शाखा प्रबंधकों एवं पासिंग अधिकारियों एवं उनके विरुद्ध जोशाखाओं में पदस्थ रहे हैं, उन्हें तत्काल उक्त शाखाओं से हटाने एवं उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही.
2) जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक रायपुर में पदस्थ दो मुख्य अधिकारियों यथा डीआर देवांगन(कार्यकाल दिनांक 06.02.2010 से 24.04.2011) एवं एसके वर्मा (कार्यकाल दिनांक 21.04.2011 से वर्तमान दिनांक तक) को तत्काल हटाया जाना.
3) अनूप अग्रवाल मुख्य कार्यपालन अधिकारी जो कि दिनांक 10.05.2011 से वर्तमान दिनांक तक कार्यरत है. उन्हें भी हटाने एवं अनुशासनात्मक कार्यवाही की अनुशंसा की गई. इसके साथ ही एके श्रीवास्तव पूर्व मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित रायपुर के पद पर दिनांक 20.07.2007 से दिनांक 10.05.2011 की अवधि में कार्यरत रहे हैं तथा वर्तमान में छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक मर्यादित रायपुर में कार्यरत है. उनके विरुद्ध भी अनुशासनात्मक कार्यवाही किया जाना प्रस्तावित
4) वर्ष 2010 से 2014 तक की अवधि में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक, रायपुर के अंकेक्षण हेतु अधिकृत किये गये अंकेक्षण फर्म, जिनके द्वारा बैंक का अंकेक्षण का कार्य किया गया था. यथा (1) मे. अमिताभ अग्रवाल एंड कंपनी, (2) मे. बाम्ब टावरी एण्ड कंपनी, (3) मे. लक्ष्मी तृप्ति एण्ड एसोसिएट्स को वैधानिक अंकेक्षकों के पैनल से हटाए जाने का अनुशंसा की गई.
5) एफआईयू इंडिया न्यू दिल्ली को केवाईसी/एएमएल के मापदण्डों का पालन नहीं कराये जाने के कारण अनुप अग्रवाल, मुख्यकार्यपालन अधिकारी. डीआर देवांगन एवं एसके वर्मा के विरूद्ध व्यक्तिगत दण्ड दिये जाने हेतु अनुशंसा किया गया है.