अमृतसर सेंट्रल जेल से मोबाइल फोन के जरिये नशे का बड़ा कारोबार चलाया जा रहा है। इसका जब पर्दाफाश हुआ तो सभी के पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई। यह धंधा मोबाइल के जरिए चलाया जा रहा था, जिसके जाल पाकिस्तान से भी जुड़े हैं। यह जानकारी तब सामने आई है जब सामने आई जब पुलिस ने नशा तस्करी करने वालों को गिरफ्तार किया।
गिरफ्तार आरोपी ने बताई कहानी
बीते दिनों पुलिस नशा तस्करी को रोकने के लिए लगातार कार्रवाई की जा रही है। इसमें तीन लोग गिरफ्तार है, जिसमें से एक आरोपी ने इस बात की जानकारी दी की अमृतसर के सेंट्रल जेल से एक कैदी ऐसा है जो नशे तस्करी का पूरा कारोबार चला रहा है। वह इस कारोबार को मोबाइल के जरिए कर रहा है। पुलिस ने जब जेल में छापा मारकर उसका फोन जब्त किया तो उसमें पाकिस्तान सहित कई अंतरराष्ट्रीय ड्रग तस्करों से संपर्क के प्रमाण मिले। यह राजफाश तब हुआ जब आरोपित कुलदीप सिंह ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया।
कोर्ट के कड़े रुख के बाद पंजाब सरकार ने हाई कोर्ट को जानकारी दी कि पंजाब के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, जेल विभाग ने विशेष पुलिस महानिदेशक, एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स, मोहाली को पत्र लिखकर उन जेल अधिकारियों की पहचान करने को कहा है, जो इस मामले में आरोपी के साथ लिप्त हैं।

हाई कोर्ट ने लगाई फटकार
इस पूरे मामले में हाईकोर्ट ने जोरदार फटकार लगाई है। कोर्ट ने पंजाब सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि सिर्फ कुछ कैदियों पर कार्रवाई करने से समस्या हल नहीं होगी, क्योंकि इस रैकेट में जेल प्रशासन ही नहीं, बल्कि गृह विभाग के बड़े अधिकारियों की संलिप्तता भी हो सकती है।
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