चंद्रकांत/बक्सर: जिले के चौसा में प्रस्तावित थर्मल पावर प्लांट को अब रेलवे से कोयला आपूर्ति और माल वाहन में कोई दिक्कत नहीं होगी. चौसा स्टेशन पर गति शक्ति टर्मिनल की कमिशनिंग का कार्य सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है, जिससे अब यह टर्मिनल प्रतिदिन 2-3 रेक को आसानी से संभालने में सक्षम होगा. इससे पावर प्लांट को आवश्यक कोयला और अन्य संसाधनों की आपूर्ति तेजी से हो सकेगी. स्टेशन की परिचालन क्षमता बढ़ने के कारण अब मालगाड़ियों की आवाजाही पहले से अधिक सुचारू और व्यवस्थित होगी.

मालगाड़ियों की आवाजाही हो गई आसान 

दानापुर मंडल के पटना-पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन रेलखंड पर स्थित चौसा स्टेशन के यार्ड रीमॉडलिंग का कार्य 31 मार्च 2025 को रात 1.15 बजे पूरा कर लिया गया. इस परियोजना के तहत गति शक्ति टर्मिनल के साथ-साथ कई अन्य महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जिससे रेलवे नेटवर्क अधिक सक्षम और प्रभावी हो गया है. खासतौर पर चौसा यार्ड में नवनिर्मित 766 मीटर लंबी साइडिंग सीधे गति शक्ति टर्मिनल से जुड़ गई है, जिससे लंबी दूरी की मालगाड़ियों की आवाजाही आसान हो गई है.

मालगाड़ियों के ठहराव व संचालन में मिलेगी सुविधा 

चौसा स्टेशन की सिग्नलिंग प्रणाली को भी पूरी तरह से उन्नत कर दिया गया है. रिले रूम में इनडोर सर्किट का विस्तार करते हुए मार्गों की संख्या 17 से बढ़ाकर 27 कर दी गई है. इससे ट्रेनों की संख्या और संचालन क्षमता में वृद्धि होगी. इसके अलावा डाउन लूप लाइन को भी विस्तारित किया गया है, जिससे इसकी लंबाई 695 मीटर से बढ़कर 975 मीटर हो गई है. इससे लंबी दूरी की रेक को समायोजित करना अधिक आसान होगा और मालगाड़ियों के ठहराव व संचालन में सुविधा मिलेगी.

परिचालन सुरक्षा में होगी वृद्धि 

रेलवे प्रशासन ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन की दिशा में स्थित आपातकालीन क्रॉस-ओवर को 280 मीटर स्थानांतरित कर दिया है, जिससे डाउन मेन लाइन की कुल लंबाई भी बढ़ गई है. यह बदलाव रेलवे नेटवर्क को अधिक सुव्यवस्थित करने और ट्रेनों की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए किया गया है. साथ ही चौसा स्टेशन के डाऊन होम सिग्नल को भी पुनर्स्थापित कर दिया गया है. पहले यह RHS (राइट हैंड साइड) पर था, जिसे अब LHS (लेफ्ट हैंड साइड) पर स्थानांतरित कर दिया गया है. इस बदलाव से लोको पायलट को सिग्नल देखने में अधिक स्पष्टता मिलेगी और परिचालन सुरक्षा में वृद्धि होगी.

रेलवे की दक्षता और सुरक्षा को भी बढ़ाएंगे

इस परियोजना के तहत पुराने ऑपरेटिंग पैनल को हटाकर नया आधुनिक ऑपरेटिंग पैनल लगाया गया है, जो गति शक्ति टर्मिनल और स्टेशन के दोनों छोर के इंटर-बॉयल हेड (IBH) को नियंत्रित करेगा. इसके अलावा अप और डाऊन मेन लाइन से गति शक्ति टर्मिनल में प्रवेश करने और बाहर निकलने के लिए नए शंट सिग्नल भी लगाए गए हैं. यह तकनीकी सुधार न केवल परिचालन को आसान बनाएंगे, बल्कि रेलवे की दक्षता और सुरक्षा को भी बढ़ाएंगे.

कोयले की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित होगी

इस परियोजना से चौसा स्टेशन और पावर प्लांट को कई महत्वपूर्ण लाभ होंगे. सबसे बड़ा लाभ यह है कि अब स्टेशन सीधे गति शक्ति टर्मिनल से जुड़ गया है, जिससे मालगाड़ियों का संचालन अधिक सुगम हो गया है. टर्मिनल की क्षमता बढ़ने से अब प्रतिदिन 2-3 रेक को आसानी से संभाला जा सकेगा, जिससे पावर प्लांट को कोयले की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित होगी. इसके अलावा डाउन मेन लाइन और लूप लाइन की लंबाई बढ़ने से लंबी दूरी की मालगाड़ियों को अधिक सुगमता से संचालित किया जा सकेगा.

औद्योगिक इकाइयों को भी मिलेगा लाभ 

रेलवे के इस बड़े प्रोजेक्ट की सफलता न केवल चौसा स्टेशन को एक आधुनिक परिवहन केंद्र बनाएगी, बल्कि पूरे दानापुर मंडल के रेलवे नेटवर्क को भी मजबूत करेगी. इससे माल परिवहन में तेजी आएगी और भविष्य में औद्योगिक इकाइयों को भी लाभ मिलेगा. चौसा पावर प्लांट के लिए यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो इसकी उत्पादन क्षमता और संचालन को और बेहतर बनाएगी.

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