लखनऊ. मोटो जीपी रेस (Moto GP Race) में उत्तर प्रदेश में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. पिछले साल नोएडा में आयोजित हुई इंटरनेशनल रेस के आयोजन में करोड़ों रुपए का घोटाला हुआ है. इन्वेस्ट यूपी ने एक शेल कंपनी को रेस का ठेका दिया था.

बताया जा रहा है कि जिस फेयर स्ट्रीट स्पोर्ट्स कंपनी को ठेका दिया गया था वह कंपनी आयोजन के कुछ समय पहले ही बनी थी. जिसके पास अपना ऑफिस तक नहीं है. शेल कंपनी फर्जी पते पर रजिस्टर्ड है. फेयर स्ट्रीट स्पोर्ट्स के पास कोई अनुभव नहीं था. खास मकसद से कंपनी बनाई गई ताकि ठेका हासिल कर सके.

38 करोड़ का हुआ घोटाला

यमुना ऑथोरिटी की जांच में खुलासा हुआ है कि फेयर स्ट्रीट स्पोर्ट्स ने ट्रैक मजदूरों से लेकर स्पेन की कंपनी को मोटो जीपी लाइसेंस देती है उसको भी भुगतान नहीं किया गया. यूपी सरकार से करीब 38 करोड़ मिले पैसे को भी फिर स्ट्रीट खा गई. बहुत करीने से इस घोटाले को अंजाम दिया गया, जिसमें इन्वेस्ट यूपी की भूमिका संदेह के घेरे में है.

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अब तक नहीं हुई कोई कार्रवाई

अब तक फेयर स्ट्रीट स्पोर्ट्स पर कोई एक्शन नहीं हुआ, जबकि दर्जन भर वेंडर भुगतान न मिलने की शिकायत कर चुके हैं. स्पेन की लाइसेंस धारक कंपनी Drona ने यूपी सरकार और यमुना ऑथोरिटी से फर्जीवाड़े की शिकायत की है. अब तक फेयर स्ट्रीट पर कोई FIR भी नहीं हुई और कोई रिकवरी भी नहीं हुई. मोटो जीपी रेस के नोएडा के इस घोटाले के तार मजबूत हैं.

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