सदफ हामिद, भोपाल। कोरोना की दूसरी लहर के बाद देश में तीसरी लहर आने की आशंका जताई जा रही है। तीसरी लहर को रोकने की कवायद में जहां टीकाकरण जोर-शोर से कराए जा रहे हैं वहीं बड़े पैमाने पर कोरोना की जांच कराए जाने के दावे भी किए जा रहे हैं। इनके बीच राजधानी भोपाल में कोरोना की जांच में बड़ा फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है। यहां कबाड़ में बगैर इस्तेमाल हुई कोरोना की जांच में काम आने वाली किट मिली है। वहीं ऐसी शीट भी मिली है, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों के नाम और मोबाइल नंबर दर्ज हैं। लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि उन्होंने कोरोना की जांच कराई ही नहीं है।
प्रदेश की शिवराज सरकार अभी भी बड़े पैमाने पर कोरोना की जांच कराए जाने के दावे करती है। सरकार के दावों की हवा कबाड़ में मिले उन कोरोना की किट ने निकाल दिए हैं जिनसे आरटीपीसीआर और एंटिजन के टेस्ट किए जाते हैं। इस्तेमाल नहीं हुई ये किट कबाड़ में मिली है। इसके साथ ही नाम और नंबर लिखी 13 शीटें भी मिली हैं।
आम आदमी पार्टी के जिला उपाध्यक्ष प्रदीप खंडेलवाल का दावा है कि इस शीटों में दर्ज 350 नंबरों पर फोन कर इसकी जांच की गई तो बेहद चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। जिन शीटों के जरिए स्वास्थ्य विभाग कोरोना की जांच के दावे करता है, शीट में दर्ज उन लोगों ने जांच ही नहीं कराई।
प्रदीप खंडेलवाल का कहना है कि उन्होंने कबाड़ में मिली इन चीजों की जानकारी सीएमएचओ को फोन पर दी। लेकिन सीएमएचओ ने किट और दस्तावेज को कबाड़ बताकर लेने से ही इंकार कर दिया।
उधर मामले का खुलासा होने के बाद चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग का बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा कि, मामले की पूरी जांच होगी, सभी तथ्यों की जांच की जाएगी। गड़बड़ी पता चलेगी तो सरकार कार्रवाई करेगी।
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