शिखिल ब्यौहार, भोपाल। मध्य प्रदेश केबुंदेलखंड को जल्द ही नेचर टूरिज्म और वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में बड़ी सौगात मिलने जा रही है। यहां केन नदी में गंगेटिक घड़ियालों के पुनर्वास के साथ ही सबसे आधुनिक घड़ियाल ब्रीडिंग सेंटर बनने जा रहा है। केंद्र सरकार ने इसके लिए मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही पन्ना में भारत का पहला वाइल्ड लाइफ इंटीग्रेटेड लर्निंग एंड रिसर्च सेंटर भी बनेगा।

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देहरादून स्थित भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआईआई) आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से 450 किमी लंबी केन नदी का सर्वे कर घड़ियालों की मौजूदगी और उनके प्राचीन हेबिटेट की खोज कर रहा है। जिस तरह पन्ना में टाइगर खत्म होने के बाद यहां दोबारा टाइगर बसाए गए, ठीक उसी तर्ज पर घड़ियालों की पुनर्स्थापना का प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा।

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प्रोजेक्ट प्रभारी के माने तो ग्रेटर पन्ना लैंडस्कैप प्लान में केन नदी में वन्यजीवों के हेबिटेट डवलपमेंट और घड़ियालों की पुनर्स्थापना की जानी है। जिस तरह वर्ष 2008 में पन्ना में टाइगर खत्म होने के बाद दोबारा बसाए गए थे, ठीक वैसे ही 10 साल के भीतर घड़ियालों को केन नदी में फिर से बसाया जाएगा।

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