आशुतोष तिवारी, जगदलपुर। नक्सल ग्रस्त बस्तर में राष्ट्रपति, मुख्यमंत्री सहित अन्य वीवीआईपी की सुरक्षा में पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है. इन वीवीआईपी के आगमन पर एक ऐसा व्यक्ति ड्यूटी में पुलिस अधिकारी बनकर तैनात रहा जो कि पुलिस कर्मी है ही नहीं. जी हां यह जानकर आप भी चौंक गए होंगे लेकिन यही सत्य है. और जब इस सच का खुलासा हुआ तो पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है.
फर्जी पुलिस अधिकारी का नाम अमितेश झा है, जो कि जगदलपुर का ही निवासी है. बताया जा रहा है कि फर्जी पुलिस अधिकारी अमितेश झा दो माह पूर्व छत्तीसगढ़ के दौरे पर बस्तर पहुंचे रामनाथ कोविंद की सुरक्षा के साथ ही मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह की विकास यात्रा और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बूथ स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान भी वह सुरक्षा ड्यूटी में तैनात था. बताया जा रहा है कि आरोपी सब इंस्पेक्टर के ड्रेस में इन नेताओं के बेहद करीब भी रहा. इसके अलावा आरोपी ने 15 अगस्त में लाल बाग में पुलिस परेड में भी हिस्सा लिया था.
सूत्रों के अनुसार आरोपी ने लगभग डेढ़ वर्ष पहले अपने सभी दोस्तों पुलिस विभाग में एसआई (बाबू) के पद पर लगना बताया था. उसने दोस्तों को बताया कि उसकी नियुक्ति कोंडागाँव के एसपी कार्यालय में हुई है. पिछले कुछ महीनों से आरोपी पुलिस ड्रेस में जगदलपुर के कोतवाली थाना, बोधघाट थाना, क्राइम ब्रांच और साइबर सेल के कार्यालयों में बेधड़क आते जाते रहता था. फिर भी अधिकारियों को उस पर शक नहीं हुआ. बताया जा रहा है कि आरोपी के पास से पुलिस को एक फर्जी आईकार्ड मिला है. जिसमें नियुक्ति दिनांक 13.03.2014 की दिनांक दर्ज है.
ऐसे हुआ खुलासा
बस्तर दशहरा पर्व में सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस प्रशासन ने अन्य जिलों के पुलिस बल को भी ड्यूटी में तैनात किया था. इसी दौरान अन्य जिले से आए कुछ पुलिस कर्मियों ने आरोपी को बस्तर दशहरा में ड्यूटी करते हुए देखा. उन्होंने बस्तर पुलिस से आरोपी के बारे में जानकारी लेने के बाद बताया कि उक्त आरोपी तो उनके जिले में भी वर्दी पहनकर घूमता था. पर वह एसआई नही एएसआई की वर्दी पहनता था. जिसके बाद पुलिस कर्मियों ने आरोपी की शिकायत विभाग के आला अधिकारियों से की. शिकायत के बाद अधिकारियों के होश पाख्ता हो गए, उन्होंने आरोपी को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया. जिसके बाद आनन फानन में आरोपी की खोजबीन शुरू की गई शनिवार को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस के अनुसार आरोपी फर्जी अधिकारी अमितेश झा को गुरु गोविंद सिंह चौक के पास से उस वक्त गिरफ्तार किया गया जब वह एसआई बनकर वाहनों से अवैध वसूली कर रहा था. कोतवाली पुलिस ने फर्जी पुलिस अधिकारी के खिलाफ धारा 170, 171, 420 भादवि के तहत मामला दर्ज कर रिमांड में भेज दिया है.
जिम्मेदारों के पास ठोस जवाब नहीं
वहीं इस मामले में बस्तर आईजी विवेकानंद सिन्हा ने लल्लूराम डॉट कॉम से बातचीत में आरोपी के वीवीआईपी ड्यूटी में तैनात होने की जानकारी होने से इंकार कर दिया है. उनका कहना है कि वीआईपी ड्यूटी एसपी ही निर्धारित करते हैं. वहीं एसपी श्रवण कुमार ने इस मामले में स्पष्ट जवाब देने से बचते रहे, उन्होंने कहा कि आरोपी ने दशहरा के अवसर पर ड्यूटी किया था, इसकी जानकारी मिली है. उन्होंने कहा कि वीआईपी ड्यूटी आमद में आए कर्मयों की ही लगाई जाती है. हालांकि उन्होंने राष्ट्रपति कोविंद, मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह और अमित शाह की ड्यूटी में आरोपी के तैनात होने पर स्पष्ट जवाब देने से बचते रहे.
इस पूरे मामले में सबसे बड़ी बात यह है कि बस्तर छत्तीसगढ़ का सबसे ज्यादा संवेदनशील इलाका है जहां पग-पग में मौत का खतरा रहता है. ऐसी जगहों में कैसे एक व्यक्ति फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर वीवीआईपी की सुरक्षा की ड्यूटी में तैनात रहा. यह सबसे बड़ा सवाल है. वीवीआईपी सुरक्षा के साथ यह सबसे बड़ा खिलवाड़ छत्तीसगढ़ में हुआ, जिसकी भनक अधिकारियों को भी नहीं लग पाई.