अजयारविंद नामदेव, शहडोल। मध्यप्रदेश में कोरोना के नए वैएिंट ओमिक्रान ने दस्तक दे दी है। एमपी सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण रोकने पूरे प्रदेश में नाइट कर्फ्यू लगा दिया है। सरकार के इस प्रयास पर मेडिकल और क्लीनिक संचालक पलीता लगा रहे हैं। इस मामले में मेडिकल संचालक और डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। वे मेडिकल बायो वेस्ट को नष्ट न कर खुले मैदान पर फेंक रहे हैं। इससे कोरोना संक्रमण फैलने की संभावना बढ़ गई है, वहीं मवेशी चारे की लालच में मेडिकल वेस्ट को भी खा रहे हैं। जिससे मवेशियों के बीमार पडऩे और संक्रमण फैलने का भी खतरा उत्पन्न हो गया है।
जिले के खन्नौधी बस स्टैंड नवागांव रोड बंगाली होटल के सामने झोला छाप डाक्टर व मेडिकल संचालक मेडिकल बायो वेस्ट के निस्तारण की कोई व्यवस्था नहीं की है। सार्वजनिक स्थल और खुले मैदान पर मेडिकल वेस्ट को फेंक रहे हैं। यह कचरा उड़कर लोगों के घर-आंगन तक पहुंच रहा है। खुले में फेंके जा रहे मेडिकल वेस्ट से मरीजों के अलावा आस-पास के क्षेत्रों में संक्रमण की आशंका बनी हुई है। तस्वीर में साफ तौर पर देखा जा सकता है कैसे मौत से अनजान मवेशी अपना पेट भरने के लिए खुले में फेंका गया मेडिकल बायो वेस्ट के नीचे की घास चर रहे है।
प्रदूषण नियंत्रण के मानकों की खुली अनदेखी के बावजूद चिकित्सा महकमा संवेदनहीन बना हुआ है। स्थानीय लोगों द्वारा कई बार इसकी शिकायत भी की जा चुकी है। इसके बाद भी इस पर रोक नहीं लग पा रही है। इससे लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ रहा है।
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