मनेंद्र पटेल, दुर्ग। लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल, सुपेला में एक बार फिर गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है. अस्पताल में भर्ती एक मरीज को नर्स द्वारा एक्सपायरी डेक्सट्रोज (ग्लूकोज) की डिप चढ़ा दी गई. मामला तब उजागर हुआ जब मरीज के शरीर में जलन होने लगी और परिजनों ने डिप की बॉटल चेक की, जिसमें पाया गया कि वह तीन महीने पहले ही एक्सपायर हो चुकी थी. इस घटना के बाद जिला चिकित्सा अधिकारी (डीएमओ) ने जांच के आदेश दिए हैं.


जानकारी के अनुसार, छावनी निवासी दीपक कुमार अपने रिश्तेदार से मिलने आया था. रविवार की रात अचानक चक्कर आने और हाथ-पैर में दर्द होने पर परिजन उसे सुपेला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां रात में डॉ. मंजू राठौर की ड्यूटी थी.
मरीज के परिजनों ने कहा कि उन्हें अच्छा इलाज चाहिए. इसके बाद डॉ. मंजू ने उसे जनरल वार्ड में भर्ती किया और डेक्सट्रोज इंजेक्शन आई चढ़ाने के लिए लिखा. नाइट ड्यूटी में जिस नर्स की ड्यूटी थी, उसने दवा के काउंटर से डिप उठाई और मरीज को लगा दी. सुबह दीपक के शरीर में तेज जलन होने लगी. इसके बाद उसने अपने जीजा अनिल सिंह को बताया. अनिल ने डिप की बोतल को देखा तो वह एक्सपायरी थी. इस पर उसने नर्स से शिकायत की, लेकिन वह मानने को तैयार नहीं हुई.

जब अनिल ने बोतल की एक्सपायरी का वीडियो-फोटो बना लिया और नर्स को दिखाया, तो उसने गलती स्वीकार की. लेकिन डॉ. मंजू ने अनिल से कहा कि ‘मरीज मरा तो नहीं ना, ऐसी गलती हो जाती है. उसका इलाज किया जा रहा है.’
जिस डिप को दीपक को लगाया गया उसका बैच नंबर 1221910 था. यह दवा सीजी-एमएससी (CGMSC) से दुर्ग जिले को सप्लाई हुई है. मार्च 2022 में बनी इस दवा की एक्सपायरी डेट फरवरी 2025 प्रिंट की गई है, लेकिन इसके बावजूद इसे सुपेला अस्पताल में रखा गया और मरीजों को चढ़ाया जा रहा है.
अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. पीयाम सिंह का कहना है कि उनके संज्ञान में यह बात आई है. यह गंभीर मामला है. उनके अस्पताल के स्टोर में तीन लेयर जांच के बाद दवा पहुंचती है. अस्पताल में एक्सपायरी दवा कैसे पहुंची और नर्स ने उसे बिना चेक किए कैसे लगा दी, यह जांच का विषय है. जांच के निर्देश दिए गए हैं. जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.
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