रायपुर। कृषि ऋण माफी योजना में अपेक्स बैंक की बड़ी लापरवाही सामने आई है, जिसका खामियाजा सहकारी समितियों को भुगतना पड़ा है.  ढाई करोड़ रुपए से अधिक की राशि का भुगतान नहीं करने के मामले में पंजीयक सहकारी संस्थाएं ने अपेक्स बैंक के प्रबंध संचालक से रोकी गई राशि की अवधि  के साथ जिम्मेदारों के खिलाफ की गई कार्रवाई की जानकारी मांगी है.

पंजीयक सहकारी समिति हिम शिखर गुप्ता ने छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक मर्यादित (अपेक्स बैंक) को लिखे अपने पत्र में कहा कि अल्पकालीन कृषि ऋण माफी योजना 2018 के तहत बैंक द्वारा जिलावार उपलब्ध करायी गई. राशि की जानकारी के आधार पर प्राप्त जिलावार उपयोगिता प्रमाण पत्र के परीक्षण में जांजगीर, बलरामपुर, सूरजपुर व कोरिया जिले के लिए विमुक्त राशि से अधिक राशि की उपयोगिता प्रमाण पत्र पाया गया.

उन्होंने बताया कि ऋण माफी योजना का किसानवार-समितिवार दावा संबंधित समितियों के अंकेक्षण के बाद बैंक के माध्यम से विभाग को किया गया. बैंकों से प्राप्त दावों के आधार पर राज्य शासन द्वारा राशि स्वीकृत किया गया तथा बैंक से प्राप्त दावों का आंकलन कर आपके द्वारा ऋण माफी की राशि जिलावार विमुक्त किया गया. राशि विमुक्ति के उपरांत ऋण माफी की राशि समितियों को अंतरित कर उपयोगिता प्रमाण पत्र चाहा गया.

बैंक से प्राप्त जानकारी अनुसार, विभाग से उक्त योजनान्तर्गत कुल राशि 51,90,18.32 लाख रुपए उपलब्ध कराई गई, जिसमें से कुल राशि 51,87,65.32 रुपए ही जिला को उपलब्ध कराया गया. इस तरह से शेष राशि 253 लाख रुपए का वितरण नहीं किया गया है. पंजीयक ने तर्क दिया कि यह राशि यदि पात्र समिति के खाते में भेजी जाती तो संबंधित समिति के द्वारा बैंक से लिये गया ऋण खाते में ब्याज भार में कमी आती. इस प्रकार राशि रोकी जाने वाली अवधि के लिए पात्र समितियों को हुई हानि, जिसके लिए अपेक्स बैंक प्रथम दृष्टया जिम्मेदार है.

पंजीयक ने प्रबंध संचालक को मामले में बैंक के पास राशि लंबित होने की अवधि की पूर्ण जानकारी तत्काल भेजने को कहा जिससे संबंधित पात्र समितियों को हुई हानि की वसूली उनसे (प्रबंध संचालक) से की जा सके. इसके अलावा कार्य में चूक करने वाले सेवायुक्तों के विरूद्ध कार्रवाई कर इसकी जानकारी देने को कहा है.