अमित शर्मा, श्योपुर। मध्यप्रदेश में गर्मी बढ़ने के साथ ही कई जिलों में पानी किल्लत हो गई है। लोग बूंद बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। कई जिलों में पेयजल के लिए लोग धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं इधर हजारों गैलन पानी बीते एक महीने से व्यर्थ बह रहा है। जिम्मेदारों का ध्यान इस ओर नहीं जाना भी अपने आप में बड़ा सवाल खड़ा करता है।
जानकारी के अनुसार वॉल्व लीकेज होने की वजह से कूनो सायफन पुल से पिछले करीब एक महीने से पानी के फौव्वारे फूट रहे हैं। जिसकी वजह से न सिर्फ पुल से गुजरने वाले वाहनों पर प्रेशर से नहर का पानी गिर रहा है बल्कि पुल भी क्षतिग्रस्त हो रही है। ऐसी स्थिति में वाहन चालकों को पुल के टूटने का डर बना हुआ है।
मामला श्योपुर- मुरैना मुख्य सड़क पर वीरपुर कस्बे के पास स्थित 60 साल के करीब पुराने कूनो सायफन पुल का है। जो वर्षों से क्षतिग्रस्त स्थिति में है। अब करीब महीने भर से सायफन बनाकर निकाली गई चंबल नहर से इस पुल पर पानी के कई फौव्वारे प्रेशर से गिर रहे हैं। जिससे पुल पर न सिर्फ गड्ढे होने लगे हैं बल्कि, पुल के टूटने का खतरा भी बढ़ गया है। यहां से होकर गुजरने वाले वाहन चालकों के द्वारा सिंचाई विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों से कई बार फोन से शिकायत भी की गई है। फिर भी जिम्मेदारों द्वारा ध्यान तक नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में वाहन चालकों को भारी दिक्कतें उठानी पड़ रही है। शिकायत के बाद मरम्मत नहीं किए जाने से सिंचाई विभाग की बड़ी लापरवाही मानी जा रही है। शायद विभाग को किसी हादसे का इंतजार है।
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