रायपुर- छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग एक बार फिर विवादों में घिरता दिख रहा है. ताजा मामला सहायक प्राध्यापक भर्ती परीक्षा से जुड़ा है. इस मामले को लेकर ऐसी शिकायत सामने आई है, जिससे यह सवाल उठ रहा है कि क्या पीएससी में बड़े पैमाने पर भर्ती घोटाले को अंजाम दिया जा रहा है?

दरअसल सहायक प्राध्यापक पद के साक्षात्कार के लिए चयनित एक अभ्यर्ती विरेंद्र कुमार पटेल ने आयोग चेयरमेन टामन सिंह सोनवानी को पत्र लिखकर शिकायत की है कि साक्षात्कार सूची में एक ऐसे अभ्यर्थी को भी शामिल किया गया है, जो परीक्षा में अनुपस्थित रहा है. उन्होंने अपने अनुक्रमांक (रोल नंबर) के साथ उस अभ्यर्थी का भी अनुक्रमांक दिया है, जिसे आयोग ने साक्षात्कार के लिए बुलाया है.

लोक सेवा आयोग के चेयरमेन को लिखे अपने शिकायत पत्र में विरेंद्र कुमार पटेल ने बताया है कि वह 5 नवंबर 2020 को अमलीडीह स्थित हायर सेकंडरी स्कूल में बनाए गए केंद्र क्रमांक 3004 में बतौर अभ्यर्थी शामिल हुआ था, जिसमें उसका अनुक्रमांक 190204103691 था. उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि परीक्षा के दौरान उनके पीछे की सीट खाली थी, जिसका अनुक्रमांक 190204103693 था, लेकिन जब साक्षात्कार की सूची जारी की गई, तब अनुपस्थित अभ्यर्थी का नाम भी शामिल किया गया.

इधर लल्लूराम डाॅट काम से बातचीत में शिकायतकर्ता अभ्यर्थी विरेंद्र कुमार पटेल ने बताया कि परीक्षा केंद्र में ड्यूटी पर लगे पर्यवेक्षक  जब उपस्थिति पत्रक में अनुस्थित अभ्यर्थियों की जानकारी दर्ज करने लगे, तब केंद्राध्यक्ष ने बुलाकर उन्हें अनुपस्थित अभ्यर्थियों का काॅलम छोड़ने के निर्देश दिए. इस दौरान ना ही अभ्यर्थियों का थंब इंप्रेशन लिया गया और ना ही वीडियोग्राफी कराई गई.

इस मामले को लेकर जब लल्लूराम डाॅट काम ने लोक सेवा आयोग की सचिव आरती वासनिक से संपर्क किया, तब उनका बंद आया, वहीं चेयरमेन टामन सिंह सोनवानी ने फोन रिसीव नहीं किया. विरेंद्र कुमार पटेल ने इस पूरे मामले में बड़े घोटाले की ओर इशारा करते हुए आयोग चेयरमेन से जांच कराए जाने की मांग की है. पटेल के इस शिकायत पत्र की काॅपी लल्लूराम डाट काम के पास मौजूद है.

9 फरवरी को होना है साक्षात्कार, इधर पीएससी ने पहले ही दायर किया है कैविएट

1384 पदों के लिए हो रही सहायक प्राध्यापक भर्ती परीक्षा में चयनित अभ्यर्थियों का साक्षात्कार 9 फरवरी 2021 से होना है. इधर लोक सेवा आयोग ने किसी भी तरह के कानूनी विवाद से बचने के लिए पहले ही कैविएट दाखिल कर दिया है.

विरेन्द्र कुमार पटेल का शिकायती पत्र