अजय शर्मा, भोपाल। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग द्वारा चार अलग-अलग मामलों में देवास कलेक्टर चन्द्रमौली शुक्ला को 14 जुलाई 2022 को आयोग में व्यक्तिशः आकर अपना स्पष्टीकरण व प्रतिवेदन देने के आदेश दिये गये हैं। आयोग द्वारा उनको कारण बताओ नोटिस एवं पांच हजार रुपये का नामजद जमानती वारंट भी जारी किया गया है। नोटिस एवं नामजद जमानती वारंट की तामीली पुलिस अधीक्षक, देवास के माध्यम से कराई जायेगी। आयोग के प्रकरण क्र. 606/देवास/2020, प्रकरण क्र. 610/देवास/2020, प्रकरण क्र. 2405/देवास/2021 एवं प्रकरण क्र. 5484/देवास/2021 में कई पदीय स्मरण पत्र एवं नामजद स्मरण पत्र देने के बाद भी प्रतिवेदन न देने के कारण कलेक्टर को 14 जुलाई 2022 को आयोग में स्वयं उपस्थित होने के लिए कहा गया है।

बात दें कि आयोग ने एक प्रकरण के अनुसार एम.आई.जी. 18/2, त्रिलोक नगर, जिला निवासी अनिल ठाकुर (पत्रकार) ने आयोग से त्रिलोक नगर गृह निर्माण संस्था के अध्यक्ष द्वारा पार्क की जमीन को परिवर्तित कर अपने रिश्तेदार को स्कूल के लिये देने की शिकायत कर संस्था अध्यक्ष एवं स्कूल संचालक के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई करने का अनुरोध किया था।

इसी तरह एम.आई.जी. 1/40, त्रिलोक नगर गृह निर्माण संस्था देवास निवासी ओमप्रकाश व अन्य ने आयोग से संस्था के अध्यक्ष द्वारा संस्था के सदस्यों के अधिकारों का शोषण करने की शिकायत की थी। उसके द्वारा संस्था के पैसों का दुरूपयोग रोकने, अध्यक्ष की संपत्ति की नीलामी कर रकम वसूली कर हुडको में ऋण की राशि का भुगतान कराये जाना का अनुरोध किया था, जिससे संस्था के 124 सदस्यों के मकानों की रजिस्ट्री कराई जा सके।

एक अन्य प्रकरण के अनुसार लेबर काॅलोनी के सामने, देवास निवासी राखी चैधरी पुत्री वासुदेव पटेल ने आयोग में अनुरोध पत्र भेजा कि उनकी निजी मकान 201, हेवतराय मार्ग, छोटी पाथी राजबाड़ा के सामने को अवैधानिक रूप से तोड़े जाने के मामले में कमिश्नर नगर निगम तथा तहसीलदार एस.डी.एम. द्वारा की गई अनुचित तथा अवैधानिक कार्यवाही की जांच कराकर उन्हें न्याय दिलाई जाये।

इसी प्रकार एक प्रकरण के मुताबिक ग्राम टोंककलां, वार्ड-19, जिला देवास सुनीता व अन्य ने आयोग में उनके मोहल्ले/घरों में पानी की निकासी की कोई व्यवस्था नहीं होने, गंदगी के कारण मच्छरों के बढ़ जाने, स्कूली बच्चों के गंदगी में गिर जाने पर भी ग्राम पंचायत सरपंच व अन्य अधिकारियों द्वारा भी इस संबंध में कोई भी कार्यवाही नहीं किये जाने की शिकायत की थी।

चारों शिकायत मिलने पर आयोग ने कलेक्टर से प्रतिवेदन मांगने कई स्मरण पत्र भेजे, परन्तु प्रतिवेदन नहीं मिला। इसके बाद कलेक्टर चन्द्रमौली शुक्ला को नामजद नोटिस जारी कर उन्हें 9 मई 2022 को आयोग के समक्ष उपस्थित होकर प्रतिवेदन देने कहा था। यह सभी नामजद नोटिस उन्हें मिल भी गये, परन्तु उनके द्वारा न तो प्रतिवेदन दिया गया और न ही वे 9 मई को आयोग के समक्ष उपस्थित हुये। इस पर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग द्वारा अब व्यवहार प्रक्रिया संहिता की धारा 32ग के अन्तर्गत कलेक्टर को पूर्व में आयोग के समक्ष उपस्थित न होने के कारण पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाने कारण बताओ नोटिस देकर उन्हें 14 जुलाई 2022 को आयोग के समक्ष व्यक्तिगत रूप से आकर अपना स्पष्टीकरण (जवाब) देने के आदेश दिये गये हैं।

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