दिल्ली. पश्चिम बंगाल में चुनाव हारने के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) को एक बड़ा झटका लगा है. बीजेपी के बड़े नेता मुकुल रॉय ने अपने बेटे सुभ्रांशु के साथ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में वापसी कर लिया है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, सांसद अभिषेक बनर्जी और मुकुल रॉय तृणमूल भवन में पहुंचे. इस संबंध में ममता बनर्जी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. जिसके बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, सांसद अभिषेक बनर्जी की मौजूदगी में मुकुल रॉय ने टीएमसी ज्वाइन कर लिया है.
आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी को मिली बड़ी जीत के बाद कई पुराने सहयोगी टीएमसी में वापस आना चाहते हैं. इसमें मुकुल रॉय का नाम सबसे ऊपर है. मुकुल रॉय, बीजेपी में शुभेंदु अधिकारी के बढ़ते कद से बेचैन बताए जा रहे थे. यही वजह है कि वह अपनी पुरानी पार्टी में वापस लौटना चाह रहे थे.
सूत्रों के मिली जानकारी के मुताबिक मुकुल रॉय ने कृष्णानगर उत्तर सीट से इस्तीफा देने की पेशकश की है. वह यहां से जीतकर विधायक बने हैं. मुकुल रॉय के बेटे शुभ्रांसु रॉय यहां से टीएमसी के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं.
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सूत्रों का कहना है कि पिछले एक हफ्ते में मुकुल रॉय ने ममता बनर्जी से फोन पर 4 बार बात की. चुनाव से पहले ही मुकुल, टीएमसी में आना चाहते थे. दरअसल, मुकुल को पहले दिलीप घोष से दिक्कत थी. BJP ज्वाइन करने के बाद उन्हें पार्टी ऑफिस में जगह नहीं मिली. कैलाश विजयवर्गीय, मुकुल के गुरु थे. बीजेपी ने कैलाश को बंगाल से दूर कर दिया है.
TMC ने मुकुल रॉय को निकाला था बाहर
पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में टीएमसी ने मुकुल रॉय को 6 साल के लिए बाहर कर दिया था. TMC में मुकुल रॉय का कद कभी ममता बनर्जी के बाद दूसरे नंबर का हुआ करता था. उन्होंने टीएमसी छोड़ने के बाद बीजेपी का दामन थाम लिया था, वे 1998 से ही बंगाल की राजनीति में हैं. मुकुल रॉय का नाम नारदा स्टिंग केस में भी आया था.
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बता दें कि मुकुल रॉय अपने करियर की शुरुआत में यूथ कांग्रेस में हुआ करते थे, उस दौर में ममता बनर्जी भी यूथ कांग्रेस में ही थीं. तभी से मुकुल और ममता के बीच राजनीतिक करीबियां बढ़ी थीं. अपने पिता के पीछे-पीछे ही उनके बेटे सुभ्रांशु रॉय ने भी भाजपा का दामन थाम लिया था. बीजेपी ने सुभ्रांशु को टिकट भी दिया था, लेकिन वह चुनाव हार गए.
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