पटना. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का एक बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. जनसंख्या नियंत्रण पर सीएम के बयान पर हंगामा होने के बाद उन्होंने माफी मांग ली है, लेकिन अब मुजफ्फरपुर के सीजेएम कोर्ट में परिवाद दायर हुआ है.

सदन में दिए बयान को लेकर अधिवक्ता अनिल कुमार सिंह ने परिवाद दायर किया है. अनिल कुमार सिंह ने 354D, 504, 505, 509 आईपीसी और 67 आईटी एक्ट में परिवाद दायर किया है. मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी पंकज कुमार लाल ने सुनवाई की तिथि 25 नवंबर को दी है.

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मामले में परिवादी अनिल कुमार सिंह ने बताया कि सीएम नीतीश कुमार के द्वारा कल जिस प्रकार से बयान दिया था, यह गैर जिम्मेदाराना है और एक संवैधानिक पद पर रहते हुए दिया गया बयान है. अनिल कुमार ने कहा कि नीतीश के बयान से महिलाओं और लड़कियों की भावनाएं आहत हुई हैं.

दरअसल, मंगलवार को बिहार विधानसभा में सीएम नीतीश कुमार ने महिला शिक्षा पर विवादित बयान दिया था. इसके बाद देशभर में नीतीश कुमार के बयान की चर्चा होने लगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कल विधानसभा में महिला शिक्षा पर दिए बयान को लेकर माफी मांग ली है. उन्होंने दोनों हाथ जोड़कर कहा है कि मैं माफी मांगता हूं.

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सीएम ने कहा कि मैंने यह बयान किसी की भावना को ठेस पहुंचाने के लिए नहीं दिया था. मेरा मकसद शिक्षा के बाद जनसंख्या वृद्धि में आ रहे परिवर्तन को बताना था. बता दें कि मुजफ्फरपुर कोर्ट में परिवादी के द्वारा आईपीसी की धारा 354(D), 504, 505, 509 और आईटी एक्ट 67 के तहत कराई गई है, जिसको कोर्ट ने स्वीकार किया है.

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