पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद. अतिक्रमण हटाने गए वन अमला को बंधक बनाकर टंगिया-डंडे से जानलेवा हमला करने का मामला सामने आया है. परिजनों की सूचना के बाद कोतवाली पुलिस ने कर्मचारियों को छुड़ाया. वहीं मुख्य आरोपी आशाराम समेत परिवार के कुल पांच सदस्यों को गिरफ्तार कर गैर जमानतीय धाराओं के तहत कार्रवाई की गई है. पूरा मामला गरियाबंद जिले के सड़क परसूली रेंज के हरदी जंगल का है.
वन विभाग को सोहागपुर बिट के हरदी जंगल में वन भूमि पर जेसीबी चलाकर अतिक्रमण की सूचना मिली थी. डिप्टी रेंजर अशोक सिन्हा, हरि अर्जुन यादव, जाकिर हुसैन सिद्दीकी समेत 5 वनकर्मी आज तड़के 4 बजे अतिक्रमण हटाने पहुंचे थे. टीम जैसे ही मौके पर कार्रवाई शुरू की तो अतिक्रमणकारियों ने महिलाओं को आगे कर पहले तो वन कर्मियों पर डंडे और कुल्हाड़ी से जानलेवा हमला किया, फिर उन्हें बंधक बना लिया.


घटना की पुष्टि करते हुए रेंजर दुर्गा प्रसाद दीक्षित ने बताया कि अतिक्रमण की सूचना थी पर अतिक्रमणकारी ऐसी घटना को अंजाम देंगे इसका अंदाजा नहीं था. टीम को दो घंटे तक बंधक बनाया गया था. परिजनों ने कोतवाली पुलिस को इसकी सूचना दी. इसके बाद थाना प्रभारी ओम प्रकाश यादव ने बल के साथ मौके पर पहुंचकर सुबह 5 बजे बंधक डिप्टी रेंजर समेत वन कर्मियों को छुड़ाया. सभी को उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वहीं मुख्य आरोपी आशाराम समेत परिवार के कुल पांच सदस्यों को गिरफ्तार कर गैर जमानतीय धाराओं के तहत कार्रवाई की गई है.
एक ही परिवार के पांच आरोपी गिरफ्तार
एडिशन एसपी जितेंद्र चंद्राकर ने बताया कि पुलिस ने मारपीट, अपहरण, शासकीय काम में बाधा के धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है. वन अमला पर जानलेवा हमला करने के आरोपी आशाराम के अलावा उसके दो बेटे और दो महिलाओं समेत कुल 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार आरोपियों में आशाराम ध्रुव, झामेश्वर ध्रुव, थानेश्वर ध्रुव, रोहित ध्रुव और सीता ध्रुव शामिल हैं.
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