एक साल से शंभू और खनौरी सीमाओं पर जमे किसानों को पंजाब पुलिस ने बड़े ही सुनियोजित तरीके से हटा दिया है। पूरी योजना के साथ पंजाब पुलिस ने बुधवार को शंभू और खनौरी सीमाओं पर विरोध स्थलों को खाली करा दिया।

किसानों को हटाने के साथ बैरिकेड्स, वाहनों और अस्थायी ढांचों को हटा दिया। अब उम्मीद है कि आज से राजमार्ग भी खुल जाएगा और लोगों को आने जाने के हो रही मुश्किल से निजात मिलेगी।

जानकारी के अनुसार बीते दिन हुई बैठा में किसान अपनी बात में अड़े रहे। पंजाब सरकार के प्रतिनिधियों ने किसानों से यह कहते हुए नेशनल हाइवे खोलने की अपील की कि इससे लोगों को भारी परेशानी हो रही है और कारोबार बुरी तरह प्रभावित हो रहा है पर किसानों ने बात मानने से इनकार कर दिया। इसके बाद उनसे केवल एक ओर का रास्ता खोलने की अपील की गई, परंतु किसान नहीं माने।

लंबे समय से किसानों के कब्जे में रहा खनौरी बार्डर रात आठ बजे तक क्लियर कर दिया गया जबकि शंभू बार्डर पर ढांचे हटाने का काम देर रात तक चला, लेकिन अब यह भी खाली हो गया है।

किसान नेता अस्पताल में भर्ती

आपको बता दें कि लंबे समय से किसान नेता
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल बीमार चल रहे है। आमरण अनशन कारण उनकी स्थिति ठीक नहीं है। हिजरत में लेने के बाद उन्हें बुधवार देर रात डेढ़ बजे जालंधर के पिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है।

चला बुलडोजर

किसान स्वेच्छा से मोर्चे से हट नहीं रहे थे तो उन्हें हिरासत में ले लिया गया। उसके बाद दोनों मोर्चों पर पुलिस टीम बुलडोजर लेकर पहुंच गई। किसानों के मंचों को ढहा दिया गया। वहां लगाई गई ट्यूबलाइटों व पंखों को हटा दिया, खाने-पीने व सोने के लिए बनाए गए ढांचे गिरा दिए, टीन की चादरें उखाड़ डाली गईं। वही कई किसान ने अपनी इच्छा से घर वापसी का रास्ता चुना है।