हेमंत शर्मा इंदौर। मध्यप्रदेश की बहुचर्चित धोखाधड़ी मामले में अमेरिका की जांच एजेंसी आरोपियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पूछताछ करेगी। इस संबंध में अमेरिका की जांच एजेंसी एफबीआई ने इंदौर क्राइम ब्रांच से संपर्क किया है। 25 मिनट तक क्राइम ब्रांच डीसीपी निमिष अग्रवाल से बात की है। 6 नवंबर 2020 को लसूडिया थाना क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर पर छापा मार कार्रवाई कर आरोपियों को पकड़ा था। आरोपी अमेरिका के सिक्योरिटी विभाग का अफसर बताकर अमेरिकी लोगों को ठगने का काम करते थे। 100 से ज्यादा अमेरिकी नागरिकों ने एंबेसी में की थी शिकायत।

दरअसल इंदौर क्राइम ब्रांच ने लसूडिया थाना क्षेत्र में 6 नवंबर 2020 को अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर का अड्डा पर छापामार कार्रवाई कर और आरोपियों को गिरफ्तार किया था। आरोपी कॉल सेंटर में बैठकर अमेरिका के सोशल सिक्योरिटी विभाग का अफसर बताकर अमेरिकी नागरिक को ठगने का काम करते थे, जिसके बाद पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ में पता चला आरोपी डार्क वेबसाइट डाटा खरीद कर ठगने का काम करते थे। पूरे मामले की जानकारी इंदौर पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्र ने अमेरिका की एंबेसी को दी थी।

कॉल सेंटर का संचालक अहमदाबाद का करण था जो फरार है। मैनेजर जोशी फ्रांसिस की कस्टडी के दौरान कोविड हॉस्पिटल में उसकी मौत हो चुकी है। आईटी हेड यशराज सहित सेंटर के 19 कर्मचारियों को अब तक जमानत मिल चुकी है। अमेरिकी जांच एजेंसी आरोपियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पूछताछ भी करेगी। इंदौर क्राइम ब्रांच को आरोपियों से 10 लाख अमेरिकी नागरिक का डाटा भी मिला था।

आरोपी 1 दिन में 10 से 15 हजार डॉलर यानि कि 10 से 15 लाख रुपए की धोखाधड़ी प्रतिदिन करते थे। इंदौर क्राइम ब्रांच के डीसीपी निमिष जैन से एसबीआई के अधिकारी ने लगभग 25 मिनट तक बात की है। जल्द ही अमेरिकी जांच एजेंसी आरोपियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पूछताछ करेगी।

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