हेमंत शर्मा, रायपुर। ईओडब्ल्यू अफसर बनकर अलग-अलग विभागों में पदस्थ अधिकारियों-कर्मचारियों से अवैध उगाही का मामला फूटा है. शिकायत सामने आने के बाद पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को हिरासत में लिया है. वहीं एक आरोपी फरार बताया जा रहा है. इसका खुलासा ईओडब्ल्यू चीफ आरिफ शेख ने प्रेस कांफ्रेंस कर किया.
ईओडब्ल्यू चीफ ने बताया कि दो-तीन महीनों से लगातार यह शिकायत मिल रही थी कि ईओडब्ल्यू के नाम पर कुछ लोग लगातार अलग-अलग विभागों में कार्यरत लोगों को फोन कर पैसों की मांग कर रहे हैं. पूर्व में दर्ज केसेज को बंद करने को लेकर अवैध उगाही का खेल चल रहा है. इस मामले में चार लोगों के गिरोह के सक्रिय होने की बात सामने आई थी.
इस मामले में बर्खास्त एसआई सत्येंद्र सिंह वर्मा, खुद को पत्रकार और आरटीआई एक्टिविस्ट बताने वाले राकेथ तराटे और निलंबित एएसआई विनोद वर्मा को गिरफ्तार किया गया है. आरोपियों ने अब तक 25 लाख रूपए से अधिक की ठगी की है. वर्मा ईओडब्ल्यू का निलंबित कर्मचारी है. गंभीर शिकायतों के बाद उसे निलंबित किया गया था. वहीं सत्येंद्र सिंह पहले भी रिश्वत मांगने के आरोप में जेल जा चुका है. इस गिरोह से जुड़ा पुलिस विभाग का बर्खास्त कर्मचारी अभी फरार है. पुलिस उसकी तलाश कर रही है.
ईओडब्ल्यू चीफ ने बताया कि चूंकि गिरोह में शामिल सत्येंद्र ईओडब्ल्यू में काम कर चुका है, इसलिए इनको पता होता था कि शिकायतें कैसे आती हैं. ये खुद भी शिकायत करते थे. उसी का हवाला देकर ब्लैकमेल किया जाता था. इनकी संपत्ति अटैच करने के लिए भी हम पत्र लिख रहे हैं.
परिवहन, फारेस्ट, माइनिंग जैसे विभाग थे निशाने पर
ईओडब्ल्यू के आधिकारिक सूत्र बताते हैं कि इस गिरोह के निशाने पर परिवहन, माइनिंग, फारेस्ट सहित कई विभाग थे. जहां अधिकारियों से अवैध वसूली की गई है. चूंकि फिलहाल इस मामले में एक ही शिकायत दर्ज की गई है, जिसके आधार पर यह कार्रवाई की गई. आरोपियों से पूछताछ में यह तथ्य सामने आएगा कि किन-किन लोगों से अवैध वसूली की गई.