एन.के.भटेले, भिंड। मध्यप्रदेश के भिंड जिले में फर्जी कोविड वैक्सीनेशन प्रमाण पत्र जारी करने का बड़ा मामला सामने आया है। मामले में 3000 से अधिक प्रमाण पत्र बीते 15 दिनों में जारी किए गए हैं। प्रमाण पत्र हासिल करने वाले सभी लोग मध्यप्रदेश से बाहरी राज्यों के हैं। इनमें बिहार, पश्चिम बंगाल और पंजाब के पासपोर्ट धारक है। मामले का खुलासा होने के बाद भिंड से लेकर भोपाल तक स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। इस मामले में सबसे बड़ी बात है कि बीते 6 महीने से भिंड जिले में कोविड वैक्सीन ही उपलब्ध नहीं है, फिर सरकारी पोर्टल CO-WIN पर प्रमाण पत्र जनरेट कैसे हुआ?

जानकारी के अनुसार भिंड जिले के मेहगांव ब्लॉक के सोनी उप स्वास्थ्य केंद्र से बीते 15 दिनों में 3000 से ज्यादा लोगों के वैक्सीनेशन के फर्जी प्रमाण पत्र CO-WIN पोर्टल से जारी किए गए है। जारी प्रमाण पत्र ज्यादातर लोग पासपोर्ट धारक लोग है जिन्हें देश से बाहर जाने के लिए वीजा के साथ जरूरत पड़ती है। कोविड प्रमाण पत्र प्राप्त करने वाले ज्यादातर लोग या तो देश से बाहर जा चुके या देश से बाहर जाने वाले है। कोविड प्रमाण पत्र के इस फर्जीवाड़े को लेकर सुरक्षा एजेंसियां भी अलर्ट हो गई और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से जानकारी मांगी गई है। इस पूरे मामले का खुलासा तब हुआ जब 30 मई को एक हितग्राही कोविड-19 वैक्सीनेशन प्रमाण पत्र लेने सीएमएचओ कार्यालय आया।

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जब वीसीसीएम अजय कुमार ने एडमिन आईडी से लॉगिन किया तो पता चला कि उप स्वास्थ्य केंद्र सोनी से वैक्सीनेशन का फर्जी प्रमाण पत्र जेनरेट कर दिए गए। मामला सामने आने के बाद सोनी उप स्वास्थ्य केंद्र की आईडी बंद कर दी गई हैं। इसमें हैरानी की बात उस वक्त सामने आई जब कलेक्टर के सामने आईडी बंद की गई उसके बाद भी प्रमाण पत्र जारी हो रहे थे। जिसके बाद सोनी उप स्वास्थ्य केंद्र की आईडी को डीएक्टिवेट कर दिया गया है। मामला सामने आने के बाद वैक्सीनेशन प्रमाण पत्र हासिल करने वाले लोगों से फोन पर बात की गई तो उन्होंने अनभिज्ञता जताते हुए कहा कि उन्हें नहीं पता कोविड- वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट कहां से जारी हुए है। उन्होंने बताया कि उनके एजेंट ने ही सर्टिफिकेट उपलब्ध कराए हैं।

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मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग के सभी अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है और कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से इंकार कर रहे हैं। सोनी उप स्वास्थ्य केंद्र पर मौजूद सीएचओ रिंकू शर्मा का कहना है उनकी कुछ ही समय पहले पद स्थापना हुई है लेकिन प्रमाण पत्र और लॉगइन आईडी जारी करने का काम जिला स्तर का है। उन्हें इस संबंध में कुछ भी जानकारी नहीं है। वहीं भिंड कलेक्टर सतीश कुमार एस के निर्देश पर कोविड- सर्टिफिकेट स्कैम मामले को भिंड साइबर सेल को सौंपा गया है। कलेक्टर मामले में कहीं ना कहीं टेक्निकल लूपहोल्स का लाभ उठाते हुए स्केम की बात स्वीकार की है। उनका कहना है कि मामले की जांच कराई जा रही है। अगर इस मामले में स्वास्थ्य विभाग का कोई भी अधिकारी कर्मचारी दोषी पाया जाता है तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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