कुमार इंदर/राकेश चतुर्वेदी, जबलपुर/भोपाल। मध्य प्रदेश में महज 14 जिलों में ही सिटी स्कैन मशीनें काम कर रही है। इसकी जानकारी सरकार द्वारा हाईकोर्ट में पेश किये गए हलफनामे से सामने आई है। प्रदेश के शेष 38 जिलों में मशीनें शुरु नहीं हो पाई है, सरकार के हलफनामे के मुताबिक इन जिलों में अभी मशीनें इंस्टालेशन प्रक्रिया में है।

सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि राजधानी भोपाल, छिंदवाड़ा, देवास, होशंगाबाद, मुरैना, सतना, शिवपुरी, शिवनी, सागर, छतरपुर, कटनी, शहडोल, मंदसौर, बालाघाट में ही सिटी स्कैन मशीनों से मरीजों की जांच की जा रही है। वहीं इंदौर, जबलपुर जैसे महानगर श्रेणी के शहरों तक में सिटी स्कैन मशीनें मरीजों के लिए उपलब्ध नहीं है। 

सिटी स्कैन मशीनों की पोल खुलने पर एक बार फिर सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है। कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने सरकार पर तीखा हमला बोला है, उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में कोरोना से मौतें नहीं हत्याएं हुई हैं। कोरोना से जो मौतें हुई हैं वो सरकारी अव्यवस्थाओं के कारण हुई है ये हत्याएं हैं। उन्होंने कहा कि ये मध्य प्रदेश का दुर्भाग्य है। मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाएं वेंटीलेटर पर हैं। दूसरी लहर में सरकार की ऐसी तैयारियां थीं कि सिर्फ 14 जिलों में सिटी स्कैन मशीनें थीं।

वहीं इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने कहा कि बचे जिलों में मशीनें लगाने के ऑर्डर जारी कर दिए गए हैं। मशीनें लगाने की प्रक्रिया प्रोसेस में है। हर जिले की अस्पतालों में लगेंगीं मशीनें।

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