नई दिल्ली। कोविड-19 कोरोनावायरस के प्रभाव से पूरी दुनिया जूझ रही है. देश-दुनिया में रोजाना कोरोना पॉजिटिव के हजारों ने नए मामले आ रहे हैं, वहीं रोजाना हजारों मौतें भी रही है. इस बीच कभी कोरोना पॉजिटिव रहे मरीजों के स्वस्थ होकर घर लौटने के बाद उनके फिर से कोरोना पॉजिटिव पाए जाने से विशेषज्ञों के पसीने छूट गए हैं.
ऐसा ही एक वाकया चीन से निकलकर आया है, जहां शिग्ंजू प्रांत के झाउ शहर के निवासी वांग कोरोना के सफल इलाज के एक महीने बाद फिर से कोरोना के लक्षण पाए गए. चीन के सरकारी सूत्रों ने व्यक्ति का नाम पूरा नहीं बताया है कि लेकिन वांग के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद उसके घर के आसपास के इलाके को लॉकडाउन कर दिया गया है. वांग की वर्तमान स्थिति क्या है, इसके बारे में कोई भी आधिकारिक जानकारी नहीं है.
चीन की तरह दक्षिण कोरिया में भी कोरोना के इलाज के बाद घर चुके 51 लोगों में फिर से वायरस से संक्रमित होने के लक्षण पाए गए हैं. इस वाकये ने विशेषज्ञों की चिंता बढ़ा दी है. अब आशंका इस बात की जताई जा रही है कि कोरोना वायरस उम्मीद से कहीं ज्यादा दिनों तक आदमी के शरीर में दबे रूप में रहता है, जो सही माहौल मिलने पर फिर से उभर कर सामने आ जाता है.
वांग के मामले में विशेषज्ञ टेस्ट किट की विश्वसनीयता पर भी संदेह जता रहे हैं, जिसमें मरीज के उपचारित हुए बिना ही किट में मिली गलत जानकारी के आधार पर उसे उपचारित मान लिया गया, जबकि हकीकत में वांग स्वस्थ ही नहीं हुआ था. लेकिन दक्षिण कोरिया के मामले ने विशेषज्ञों को एक बार फिर से सोचना पर मजबूर कर दिया है, वहीं अब मरीजों को पूरी तरह से उपचारित माने जाने के लिए परीक्षणों की संख्या बढ़ाए जाने पर भी बल दिया जा रहा है.