राकेश चतुर्र्वेदी,भोपाल। मध्यप्रदेश की बहुप्रतीक्षित सिचाई परियोजना को केन-बेतवा लिंक राष्ट्रीय परियोजना को मोदी कैबिनेट की मंजूरी गई है। बुधवार को संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्रीय कैबिनेट ने केन-बेतवा लिंक राष्ट्रीय परियोजना को मंजूरी दे दी है। परियोजना को मंजूरी मिलने पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने ट्वीट कर बधाई दी है। कैबिनेट में मंजूरी मिलने से 44 लाख 605 करोड़ रुपये लागत की इस परियोजना से मध्यप्रदेश के खजुराहो लोकसभा समेत बुंदेलखण्ड क्षेत्र में पानी की समस्या से नागरिकों को निजात मिलेगी।

देश के कई हिस्सों को प्रभावित करने वाले पानी की कमी के मुद्दों को दूर करने के लिए, केंद्र सरकार नदियों को जोडऩे के लिए एक महत्वाकांक्षी परियोजना लेकर आई है। राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य योजना (एनपीपी) के तहत परिकल्पित केन-बेतवा लिंक परियोजना, भारत में लागू होने वाली पहली नदी जोडऩे वाली परियोजनाओं में से एक होगी। इस परियोजना का उद्देश्य बुंदेलखंड क्षेत्र में 10.62 लाख हेक्टेयर के लिए वार्षिक सिंचाई प्रदान करना, पेयजल आपूर्ति को बढ़ावा देना और 103 मेगावाट की जल विद्युत उत्पन्न करना है। मार्च 2021 में उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की राज्य सरकारों ने परियोजना को लागू करने के लिए जल शक्ति मंत्रालय के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।

क्या है केन-बेतवा लिंक परियोजना
केन-बेतवा लिंक परियोजना (केबीएलपी) एनपीपी के प्रायद्वीपीय नदियों के विकास के तहत नियोजित 16 समान परियोजनाओं में से पहली नदी इंटरलिंकिंग परियोजना है। यह यमुना नदी की सहायक नदियों, मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में केन नदी और उत्तर प्रदेश में बेतवा नदी को जोड़ेगी। एनपीपी का मुख्य उद्देश्य पानी की कमी की समस्या से निपटने के लिए नदी घाटियों से अधिशेष पानी वाले पानी को दुर्लभ पानी वाले लोगों तक पहुंचाना है। एनपीपी में दो घटक शामिल हैं।