आशुतोष तिवारी, जगदलपुर. छत्तीसगढ़ को नक्सलमुक्त बनाने का टारगेट तय है. तय लक्ष्य पर केंद्र और राज्य सरकार की ओर से सुरक्षाबलों का ताबड़तोड़ ऑपरेशन जारी है. इसका व्यापक असर माओवादी संगठन पर साफ दिख रहा है. सफल ऑपरेशनों से डरा हुआ नक्सल संगठन शांति वार्ता की बात कह रहा है.

नक्सल संगठन की ओर से केंद्रीय प्रवक्ता अभय का एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है. अभय का कहना है कि हम बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन सरकार की ओर से सीजफायर किया जाए. वहीं इस मामले में गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा है कि पत्र की सत्यता क्या है, इसकी जांच करानी पड़ेगी. नक्सलवाद के खिलाफ ऑपरेशन जारी रहेगा. नक्सली बंदूक छोड़कर मुख्य धारा में लौटना चाहते हैं तो उनका स्वागत है. सरकार आत्मसर्पित नक्सलियों के लिए नियद नेल्लानार, पुनर्वास समेत कई योजनाएं चला रही है. गृहमंत्री शर्मा ने कहा, नक्सली बंदूक छोड़कर आएंगे तो सरकार जरूर उनके साथ शांतिवार्ता करेगी.

नक्सलियों की केंद्रीय कमेटी के प्रवक्ता अभय ने पत्र जारी कर सरकार के साथ शांति वार्ता के तैयार होने की बात कही है. साथ ही हथियार छोड़कर भविष्य में जनसमस्याओं को लेकर देश की राजनैतिक पार्टियों और संघर्षरत संस्थाओं के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने की बात भी कही है.

नक्सलियों की केंद्रीय कमेटी के प्रवक्ता अभय की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि 2025 मार्च आखरी सप्ताह से हमारी पार्टी सरकार के साथ ‘शांति वार्ता’ के लिए गंभीर एवं ईमानदारी के साथ प्रयास कर रही है. हमारी पार्टी के केंद्रीय कमेटी का प्रवक्ता कामरेड अभय के नाम पर मई 10 को स्वयम हमारी पार्टी के महासचिव एक प्रेस बयान जारी किया था. उसमें उन्होंने हमारी पार्टी हथियार छोड़ने के बारे में उल्लेख करते हुए इस अत्यंत महत्वपूर्ण विषय पर हमारी पार्टी के सर्वोच्च नेतृत्वकारी कामरेडों के साथ सलाह मशविरा करने के लिए एक माह के समय की मांग करते हुए सरकार के सामने सीज फायर का प्रस्ताव रखा था, लेकिन दुर्भाग्यवश उस पर केंद्र सरकार अपनी सानुकूल रूख को जाहिर नहीं किया था, बल्कि जनवरी 2024 से जारी अपनी घेराव और उन्मुलन सैनिक हमलों को और तेज किए हैं.

पत्र में आगे कहा गया है कि हजारों की संख्या में सशस्त्र पुलिस बल तैनात कर घेराव एवं उन्मूलन हमले को अंजाम दिया गया. माड के गुंडेकोट के पास 21 मई को हुए भीषण हमले में साहसिक रूप से प्रतिरोध करते हुए हमारी पार्टी के महासचिव कामरेड बसवाराजू सहित केंद्रीय कमटी के स्टाफ एवं उनके सुरक्षा गार्ड के 28 साथी शहीद हुए. इस परिप्रेक्ष्य में उनसे पहले किए गए शांति वार्ता की प्रक्रिया को बीच में आधा अधूरा न छोड़कर उनके विचारों के अनुरूप शांति वार्ता को आगे बढ़ाने के लिए हमनें यह निर्णय लिया है.

पत्र में आगे लिखा है कि वे विकास और शांति चाहते हैं, इसलिए सरकार को उनसे संवाद स्थापित करना चाहिए. संगठन ने कहा है कि उन्हें तैयारी के लिए एक महीने का समय चाहिए. इस दौरान किसी भी तरह की पुलिस कार्रवाई न की जाए. इसके साथ ही उन्होंने अपनी एक ईमेल आईडी भी सार्वजनिक की है, ताकि औपचारिक बातचीत शुरू हो सके.

नक्सल संगठन के केंद्रीय प्रवक्ता की ओर से जारी पत्र