छत्तीसगढ़ में माओवादी घटनाओं में हुई बढ़ोतरी और अर्बन नेटवर्क के हालिए खुलासे के बाद राज्य सरकार ने खुफिया चीफ हिमांशु गुप्ता को हटा दिया है. सरकार के उच्च पदस्थ सूत्र बताते हैं कि अर्बन नेटवर्क के बढ़ते दायरे से जुड़ा इनपुट सरकार तक नहीं पहुंचा. जानकारी कहती है कि माओवादियों का अर्बन नेटवर्क किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की कवायद में जुटा था. इधर सरकार ने न केवल इंटेलीजेंस चीफ को बदल दिया, बल्कि वीवीआईपी मूवमेंट के मद्देनजर पुलिस महकमे ने एक तरह की नई गाइडलाइन जारी कर दी. डीजीपी डीएम अवस्थी की ओर से जारी इस गाइडलाइन में सभी जिलों के एसपी को स्पष्ट हिदायत दी गई है कि वीवीआईपी सुरक्षा में किसी तरह की कोताही न बरती जाए. अवस्थी ने अपने निर्देश में दो टूक कहा है कि सांसदों, मंत्रियों और विशिष्ट व्यक्तियों के मूवमेंट का तकनीकी ढांचा तैयार कर उसकी माॅनिटरिंग की जाए. मूवमेंट के दौरान कड़ा सुरक्षा प्रबंध किया जाए.
डीजीपी डी एम अवस्थी ने राज्य के सभी जिलों के एसपी को भेजे पत्र में कहा है कि शासन द्वारा सभी माननीय सांसदों, मंत्रीगणों, विधायकों एवं विशिष्ट व्यक्तियों को सुरक्षा श्रेणी प्रदान की गई है, इस संबंध में सुरक्षा श्रेणी के अनुरूप अंगरक्षक एवं सुरक्षा अधिकारी लगाए गए हैं. ऐसे में निर्देशित किया जाता है कि प्रदेश के सभी सुरक्षा प्राप्त व्यक्तियों, विशेषकर माननीय सांसदों, मंत्रीगणों एवं विधायकों की सुरक्षा ऑडिट की जाए एवं यह जांच कर लिया जावे कि जिन पीएसओ की डयूटी लगाई गई है, वे अपने कर्तव्य पर नियमित रूप से उपस्थित हो रहे है या नहीं, साथ ही उनके अनुशासन, सजगता एवं उनकी कार्यक्षमता सुरक्षा मापदण्डों के अनुरूप है अथवा नहीं. इसके अतिरिक्त विशिष्ट व्यक्तियों को जो वाहन उपलब्ध कराये गये हैं, उन वाहनों का रख-रखाव तथा चालक एवं फॉलो गार्ड में लगाए गए बल के फिजिकल फिटनेस का भौतिक रूप से सुरक्षा ऑडिट किया जाए.
डीजीपी ने कहा है कि मुख्यमंत्री के प्रत्येक दौरे में न केवल पर्याप्त रूप से पुख्ता सुरक्षा प्रबंध रखा जावे, बल्कि सुरक्षा के प्रभावी प्रयास (ASL) भी किया जाए. उन्होंने अपने निर्देश में कहा है कि विशिष्ट व्यक्तियों के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में खासकर बस्तर संभाग, राजनांदगांव तथा कवर्धा प्रवास के दौरान अतिरिक्त रूप से सुरक्षा व्यवस्था लगाई जावे. यदि माननीय व्यक्तियों का आवागमन सड़क मार्ग से हो, तो कृपया “Road Opening Party” एवं “Anti Sebotage Team” द्वारा नियमित रूप से जांच करा लिया जाए. विशिष्ट व्यक्तियों के कार्यक्रम स्थल एवं विश्राम गृह में भी पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था लगाई जाए. इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि किसी भी स्थिति में बल अपर्याप्त न हो, बल्कि निर्धारित मापदण्ड से अधिक बल की परिस्थितिनुसार व्यवस्था रखी जाए. यदि विशिष्ट व्यक्ति रात्रि विश्राम करते हैं, तो रात्रि विश्राम गृह पर जिम्मेवार अधिकारी के साथ कडे सुरक्षा प्रबंध किए जाए.
डी एम अवस्थी ने कहा है कि सभी एसपी का यह दायित्व होगा कि वे माननीय सांसदों, मंत्रीगणों, विधायकों एवं विशिष्ट व्यक्तियों के दूसरे जिलों में जाने की सूचना अनिवार्य रूप से संबंधित जिले के एसपी को दें, जिससे वहां सुरक्षा प्रबंध किया जा सके. उन्होंने कहा है कि इस बात को सभी सुनिश्चित करें कि जिलों में विशिष्ट व्यक्तियों के निवास तथा उनके प्रवास कार्यक्रमों पर संबंधित एसपी उनकी सुरक्षा के लिए पूर्ण रूप से जिम्मेवार होंगे. पुलिस मुख्यालय में सहायक पुलिस महानिरीक्षक (सुरक्षा) द्वारा सभी व्ही.आई.पी. मूव्हमेंट का तकनीकी ढांचा तैयार कर उसकी सतत मॉनिटरिंग की जाए। प्रत्येक जिलों में व्ही.आई.पी. भ्रमण की पूर्ण सूचना एक दिन पूर्व मुझे तथा सभी संबंधित एसपी को अनिवार्य रूप से दी जाए. इसके साथ ही गुप्तवार्ता शाखा, विशेष आसूचना शाखा एवं आई.बी. से प्राप्त सभी Intelligence Input को भी गंभीरता से लेते हुए अक्षरशः पालन कर कड़े सुरक्षा प्रबंध सुनिश्चित किए जावें.