सत्या राजपूत  रायपुर। कोरोना संकट से जूझ रहे निजी स्कूलों की फीस पर लगाम कसने के लिए अगले सत्र का इंतजार नहीं किया जाएगा. शैक्षणिक सत्र 2020-21 से ही कमेटी द्वारा तय दर स्कूलों पर लागू होगी.

फीस विनियामक आयोग की शनिवार को बैठक हुई. इसमें अधिकारियों ने लोगों से मिले 1300 सुझावों को सौंपा, साथ ही शिक्षकों, शिक्षाविद, पालक संघ और निजी स्कूल प्रबंधन से मिले सुझावों पर स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम और गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने सुझावों पर विस्तार से चर्चा की.

स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेम साय सिंह टेकाम औऱ गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने बताया कि इसके पहले बैठक में नियम-कानून बनाने के लिए शिक्षक, शिक्षाविद, स्कूल प्रबंधन औऱ पालक संघ से सुझाव मांगा गया था, लगभग 1300 सुझाव आए हैं, इसमें से जो बेहतर सुझाव थे उसे कानूनी जामा पहनाने के लिए रणनीति बनाई गई है.

इस बैठक में तय हुआ कि सभी निजी स्कूलों में एक कमेटी होगी, जिसमें पालक, शिक्षाविद्, स्कूल प्रबंधन से जुड़े लोग रहेंगे. यह कमेटी स्कूल की व्यवस्था, पढ़ाई का स्तर, स्टॉफ आदि मांपदंड के आधार पर फीस तय करेगी.

गृहमंत्री साहू ने बताया कि अगर स्कूल कमेटी में शुल्क को लेकर फैसला नहीं होता है, तो कलेक्टर स्तर पर एक कमेटी फैसला करेगा की स्कूल का फीस कितना होगा और यही अंतिम निर्णय होगा. इसी सत्र से यह नियम कानून लागू किया जाएगा, इसके लिए कवायद जारी है.

स्कूल शिक्षा मंत्री टेकाम ने बताया कि इसके अलावा अभी और नियम-कानून बनेंगे. स्कूल खुलने में अभी समय है, जब तक पूरी प्रक्रिया कर तैयार कर इसे कानून का रूप दिया जाएगा. इन नियमों से निश्चित रूप से अब पालकों को फीस को लेकर शिकायत नहीं होगी.