पवन दुर्गम, बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर से एक बड़ी खबर निकलकर सामने आई है. जिले के गंगालूर क्षेत्र में पुलिस और आदिवासियों के बीच हिंसक झड़प हुई है. इस घटना में कुछ जवान और आदिवासी घायल हुए हैं. यह झड़प पुसनार गाँव में खुल नए पुलिस कैंप को लेकर हुई है. दरअसल इलाके आदिवासी नए कैंप खुलने का विरोध कर रहे हैं.
आदिवासी विरोध करते हुए गाँवों से निकले और सड़क पर आ गए. आरोप है कि आक्रोशित आदिवासियों में कुछ लोगों ने जवानों के ऊपर जानलेवा हमला कर दिया. इस हमले में एक जवान बुरी तरह से जख्मी हो गया है. इसके बाद पुलिस जवानों और आदिवासियों के बीच हिंसक झड़प हुई. इस घटना के बाद इलाके में स्थिति तनावपूर्ण हो गई, फिलहाल अभी नियंत्रण में है.
दरअसल यह पूरा मामला तीन दिन पहले का है. कई गांवों के आदिवासी देव और परंपरागत हथियारों से लैस होकर गंगालूर पहुंचे थे. ग्रामीण गंगालूर थानक्षेत्र के पुसनार में नया पुलिस कैम्प खोले जाने का विरोध कर रहे थे. पुलिस के जवान भीड़ की सुरक्षा में तैनात थी. भीड़ को बेकाबू होता देख पुलिस और लोगों में स्तिथि तनावपूर्ण होने लगी थी. इसी दौरान भीड़ में से किसी ने पुलिस के जवान पर बंडा( चाकू) से हमला कर दिया. इस घटना में जवान पंडा मोहदा और 2 अन्य लोगों को चोट आई है.
ग्रामीणों के द्वारा हमला के बाद पुलिस ने जवाबी कार्यवाई की जिसमे पुलिस ने भी बल प्रयोग किया. पुलिसिया एक्शन में कई ग्रामीण महिलाओं को चोटें आई है. देव लेकर पहुंचे आदिवासी ग्रामीण पुलिस की कार्यवाई से देव को वहीं छोड़कर भागने विवश हो गए. घटना के बाद पुलिस ने 16 लोगों को इस घटना में शामिल बताकर न्यायिक रिमांड में जेल भेज दिया है. 16 आरोपियों के यहां से परंपरागत तीर, चाकू और कुल्हाड़ी बरामद की गई है.
जेल भेजे जाने के बाद से लगातार ग्रामीण गंगालूर मुख्य सड़क पर जाम लगाकर डटे हुए हैं. मुख्य सड़क से हॉस्पिटल जाने वाली सड़क पर भी भीड़ ने कब्जा कर लिया था. पुलिस ने गंगालूर क्षेत्र में फ़ोर्स की तैनाती बढ़ा दी है.
एसपी कमलोचन कश्यप ने बताया कि ग्रामीण शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगों को प्रसाशन के सामने रख सकते थे, लेकिन भीड़ ने हिंसा का रास्ता अपनाया. सुरक्षा में तैनात हमारे 3 जवानों पर प्राणघातक हमला हुआ, जिसके बाद जवाबी कार्यवाई की. घटना में शामिल 16 लोगों को हथियारों सहित हिरासत में लेकर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है. वहीं गांव वालों की ओर से उनका आवेदन लेकर उन्हें समझाइश दी गई. फिलहाल गांव वालों का धरना समाप्त हो गया और वे गाँव लौट गए हैं.
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