रायपुर। मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों के बीच मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय अब से कुछ देर बाद राजभवन जाएंगे. राज्यपाल रमेन डेका से उनकी मुलाकात होगी. कयास लगाए जा रहे हैं कि यह मुलाकात संभावित मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर हो सकती है, हालांकि एक चर्चा यह भी है कि नए साल की बधाई देने मुख्यमंत्री राजभवन जा रहे हैं. सरकार के सूत्र बताते हैं कि आने वाले दो-तीन दिनों के भीतर मंत्रिमंडल विस्तार किया जा सकता है. साय मंत्रिमंडल में इस वक्त मंत्रियों के दो पद रिक्त हैं. हरियाणा फार्मूला यदि लागू किया जाता है, तो इसकी संख्या बढ़कर तीन हो सकती है. सरकार के आधिकारिक सूत्र बताते हैं कि करीब हफ्ते भर पहले मंत्रिमंडल विस्तार को अमलीजामा पहनाया जा सकता था, लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन की वजह से इसे टाल दिया गया.

बताते हैं कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के दिल्ली दौरे के दौरान मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर आला नेताओं के बीच रायशुमारी की गई थी. दिल्ली में राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिव प्रकाश, क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल, प्रदेश प्रभारी नितिन नवीन, प्रदेश अध्यक्ष किरण देव और दोनों ही उप मुख्यमंत्री अरुण साव और विजय शर्मा की बैठक हुई थी. संगठन चुनाव के मुद्दे पर हुई इस बैठक में संभावित मंत्रिमंडल विस्तार पर भी मुहर लगाई गई. इस बैठक के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा से भी मुलाकात की थी.

संभावित नामों में कौन-कौन?

संभावित मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा में अमर अग्रवाल का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है. संगठन सूत्र कहते हैं कि उनका नाम लगभग तय है. 14 साल तक मंत्री रह चुके अमर अग्रवाल रिजल्ट ओरिएंटेड काम करने के लिए पहचाने जाते हैं. भीड़ से अलग रहकर काम करने में भरोसा करने वाले अमर अग्रवाल ने पूर्ववर्ती रमन सरकार में आबकारी पॉलिसी बनाई थी. शराब बिक्री का ठेका सिस्टम खत्म किया था. इस फैसले से आबकारी राजस्व में अभूतपूर्व बढ़ोतरी हुई थी. अमर अग्रवाल देश में इकलौते चेहरे रहे हैं, जो सर्वाधिक लंबे समय तक जीएसटी काउंसिल में बतौर सदस्य शामिल थे. अमर अग्रवाल के बाद प्रदेश अध्यक्ष किरण देव की दावेदारी सबसे मजबूत मानी जा रही है. वहीं आरएसएस बैकग्राउंड से आने वाले दुर्ग शहर से विधायक गजेंद्र यादव को मंत्री बनाए जाने का दबाव है. संघ से उनके नाम की पैरवी की खबर है. साथ ही यादव समाज को साधने के लिहाज से भी मंत्रिमंडल में उन्हें जगह दिए जाने की वकालत की गई है. वहीं राजेश मूणत, अजय चंद्राकर और सुनील सोनी के नाम भी चर्चाओं में हैं.