पुलिस ने सब-इंस्पेक्टर (पीएसआई) भर्ती घोटाले के सिलसिले में 12 उम्मीदवारों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी. इस घोटाले ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है. पुलिस ने कलबुर्गी जिले से बीजेपी नेता दिव्या हागरागी समेत 30 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को भी हिरासत में लिया है.
आपराधिक जांच विभाग के उपाधीक्षक (सीआईडी) की शिकायत के बाद बेंगलुरु में मल्लेश्वरम पुलिस ने 12 आरोपी उम्मीदवारों को गिरफ्तार किया. पुलिस ने आरोपी उम्मीदवारों को 10 दिनों के लिए हिरासत में लिया. बताया जा रहा है कि उन्होंने बेंगलुरु के कई एग्जाम सेंटर्स में अपनी परीक्षा दी थी. जांच के दौरान उनकी भूमिका का पता चला. जब उनकी आंसर शीट चेक की गई तो कई कमियां पाई गईं.
कर्नाटक सरकार ने घोटाले के बाद 545 पीएसआई पदों के लिए पुन: परीक्षा की घोषणा की. इन पदों के लिए 3 अक्टूबर 2021 को परीक्षा आयोजित की गई थी. सरकार ने सभी उम्मीदवारों की आंसर शीट्स को फिर से जांचने के आदेश दिए. परीक्षा के लिए 54,041 उम्मीदवार उपस्थित हुए. नतीजे इसी जनवरी में घोषित किए गए थे.
बाद में, आरोप सामने आए कि एग्जाम में खराब प्रदर्शन करने वाले उम्मीदवारों ने पेपर 2 में अधिकतम अंक प्राप्त किए. हालांकि, पुलिस विभाग और गृह मंत्री ने पीएसआई परीक्षा में किसी भी तरह की अनियमितता से इनकार किया.
उम्मीदवारों में से एक ने अन्य उम्मीदवार की ओएमआर शीट पर जानकारी मांगने के लिए एक आरटीआई आवेदन दायर किया. हालांकि आवेदन खारिज कर दिया गया था, उम्मीदवार की ओएमआर शीट पब्लिक डोमेन में दिखाई गई. पुलिस सूत्रों ने कहा कि उम्मीदवार वीरेश ने पेपर 2 में केवल 21 प्रश्नों के जवाब दिए, लेकिन उसे 100 अंक मिले. उन्हें 7वां रैंक दिया गया था.
कांग्रेस विधायक प्रियांक खड़गे ने आरोप लगाया था कि 545 उम्मीदवारों में से 300 से ज्यादा ने पीएसआई बनने के लिए अधिकारियों और मंत्रियों को 70 से 80 लाख रुपये की रिश्वत दी थी. सत्तारूढ़ बीजेपी ने उन्हें सीआईडी के समक्ष सबूत पेश करने के लिए कहा है.