विप्लव गुप्ता, पेंड्रा। आप ने चोरी की अनेक घटनाएं सुनी होगी आभूषणों से लेकर वाहनों तक की चोरी पर क्या कभी किसी के मकान चोरी हो जाएं ऐसा सुना है वह भी पक्के मकान जी हां यह अजूबा हुआ है पेंड्रा जनपद में जहां के 2 हितग्राही लल्ली रौतेल और उषा रौतेल के प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने दो पक्के मकान गायब हो गए, चोरी कर लिए गए। पीड़ित हितग्राहियों ने इसकी शिकायत थाने में की है। मामले में शिकायत के बाद प्रशासन और पुलिस के अधिकारी मामले में जांच और कार्रवाई की बात कह रहे हैं।
अब आप सोचेंगे कि यह कारनामा हुआ कैसे। दरअसल यह कारनामा गौरेला-पेन्ड्रा-मरवाही जिले के पेन्ड्रा जनपद के भ्रष्ट अधिकारियों की देन है जिन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत स्वीकृत हुए दो आवास जमीन पर बिना बने ही पूर्ण बताकर पैसे आहरित कर लिए। दोनों हितग्राहियों को इसका पता भी नहीं चला कि उनके नाम पर आवास स्वीकृत है वह तो खुद ही दूसरे के कच्चे किराए के मकान में रह रहे थे। हितग्राहियों के पास उनकी खुद की कोई ऐसी जमीन नहीं थी जिस पर वह अपना आवास बनवा सकते थे तो जनपद के अधिकारियों ने इसका फायदा उठाते हुए उनके पुराने घर के सामने खड़े करके उनकी शुरुआती फोटो तो ली और जियो टैगिंग भी कर दी। लेकिन उसके बाद ना तो कभी आवास के लिए पंचायत से जमीन आवंटित की गई और ना ही आवाज बना फर्जी फोटो फर्जी जियो टैगिंग और फर्जी खाते खुलवा कर पूरे पैसों का आहरण कर लिया गया। अब जब हितग्राहियों को इस बात का पता चला कि उनके नाम से प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हुआ था और बनकर कागजों में पूरा भी हो गया तो हितग्राहियों ने इसकी शिकायत थाने में कर दी।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत तय की गई गाइडलाइन में यह प्रावधान है कि जिस हितग्राही की जमीन नहीं है या भूमिहीन है तो उस हितग्राही के लिए पंचायत सरकारी जमीन आवंटित करेगी जिस पर उसका आवास बनेगा पर अंगूठा छाप होने का फायदा सभी ने उठाया। हितग्राही ने उसके आवास के चोरी होने की शिकायत पेंड्रा थाने में दर्ज कराई है मामले पर जांच अधिकारी का कहना है कि शिकायत आई है जो भी अधिकारी कर्मचारी दोषी होंगे सब पर कार्यवाही की जाएगी। वहीं जनपद पंचायत कितना लापरवाह है इसका अंदाजा जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के इस बयान से ही लगता है कि उन्हें इस मामले की जानकारी हम से ही मिली हालांकि उन्होंने यह जरूर कहा कि जांच के बाद हितग्राही को मकान दिलाने के लिए कार्यवाही करेंगेो. वहीं मामले पर जिला कलेक्टर का कहना है कि यह जानकारी मेरे संज्ञान में लाई गई है मैंने इस पूरे मामले की जांच रिपोर्ट मंगाई है साथ ही हितग्राही को आवास मिले इस दिशा में हम पहले काम करेंगे पर जो भी इसमें दोषी होगा उस पर भी कार्यवाही की जाएगी।
वैसे हितग्राही मूलक योजनाओं के चोरी हो जाने का मामला पेंड्रा जनपद के लिए नया नहीं है। इसके पहले भी इस जनपद से शौचालय आवास नालियां चोरी हो चुकी है। मामले में एफ आई आर भी दर्ज हुई पर ना तो आज तक दोषी कर्मचारी पकड़े गए और ना ही हितग्राहियों को आवास मिल सका अब देखना यह होगा कि इस मामले में प्रशासन किस तरह कार्यवाही करता है।