अजय शास्त्री, बेगूसराय. बेगूसराय जिला न्यायालय के प्रभारी मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मयंक कुमार पांडेय के न्यायालय में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा कथित तौर पर किए गए राष्ट्रगान अपमान मामले पर सुनवाई हुई। आपको बता दें कि बलिया थाना के भगतपुर निवासी महेश पासवान के पुत्र परिवादी विकास पासवान ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विरुद्ध परिवाद पत्र दाखिल किया है। परिवादी ने यह मुकदमा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विरुद्ध राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 की धारा 3 के तहत दायर की है।
खुद को शर्मिंदा महसूस करने लगा परिवादी
परिवादी ने यह मुकदमा मुख्यमंत्री के विरुद्ध राष्ट्रगान के अपमान करने का आरोप लगाकर किया है। परिवादी ने सीएम नीतीश पर आरोप लगाया है कि 20 मार्च 2025 को पौने दो बजे दिन में टाइम्स नाउ नव भारत चैनल सहित विभिन्न यूट्यूब चैनल पर प्रसारित वीडियो देखने का मौका मिला, जिसे देखकर पारिवादी काफी दुखित हुआ। मुख्यमंत्री द्वारा देश के राष्ट्रगान को अपमानित होता देखकर आत्म ग्लानी से भर गया खुद को शर्मिंदा महसूस करने लगा।
परिवादी ने बताया कि, विश्व सेवक टकरा प्रतियोगिता के उद्घाटन समारोह में राष्ट्रगान बजने के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा अपने साथ खड़े व्यक्ति से बातचीत करने एवं उक्त व्यक्ति के शरीर को बार-बार छूकर परेशान करने एवं हंसते हुए प्रणाम की मुद्रा में दिखाई पड़ रहे हैं, जबकि उस समय राष्ट्रगान चल रहा था।
मुख्यमंत्री को नोटिस भेजने का आदेश
न्यायालय ने परिवाद पत्र पर सुनवाई के बाद भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 223 के तहत प्रस्तावित आरोपित मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नोटिस भेजेने का आदेश दिया है, ताकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपना पक्ष न्यायालय में रख सके। आपको बता दें कि इस मुकदमा का रजिस्ट्रेशन न्यायालय में परिवाद पत्र संख्या 321 /2025 के तहत दर्ज किया गया है।
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