हेमंत शर्मा, इंदौर। मध्यप्रदेश में चार साल पुराने मामले में कोर्ट (Court) ने एफआईआर (FIR) के आदेश दिए हैं। कोर्ट द्वारा एफआईआर के आदेश से प्रदेश की पुलिस व्यवस्था (Police system) पर भी बड़ा सवालिया निशान लग गया है। आखिर एफआईआर के लिए प्रार्थी (Applicant) को कोर्ट की शरण क्यों लेना पड़ा, पुलिस ने थाने में रिपोर्ट क्या नहीं लिखी?

4 साल पहले पूर्व पार्षद ने परिवार सहित 7 फीट सुरंग खोदकर बाउंसरों के साथ गुंडागर्दी कर संपत्ति पर कब्जा करने का प्रयास किया था। एमजी रोड पुलिस से शिकायत के बाद भी मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। मामले में कोर्ट में परिवाद दायर होने के बाद पूर्व पार्षद सहित अन्य लोगों पर गंभीर धाराओं में मामला दर्ज करने कोर्ट ने आदेश दिया है। एडवोकेट कृष्ण कुमार कुन्हारे ने बताया कि एमजी रोड थाना क्षेत्र स्थित नंदलालपुरा मंडी के पास एक मकान में बीजेपी के पूर्व पार्षद नंदकिशोर पांचाल ने फरियादी सायमा निजाम अहमद की सम्पति पर 7 फीट गहरी सुरंग खोदकर कब्जा करने का प्रयास किया था।

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दरअसल 4 साल पहले ही एमजी रोड पुलिस को पूरे मामले की शिकायत हुई थी लेकिन पूर्व पार्षद ने अपने धन और बाहुबल से कार्रवाई नहीं होने दी। इसके बाद पूर्व पार्षद की मौत हो गई। फरियादी परिवार ने इंदौर जिला कोर्ट में परिवाद दायर किया, जिसके बाद कोर्ट ने आज सभी दस्तावेज और वीडियो फुटेज के आधार पर पूर्व पार्षद के परिवार सहित एक अन्य महिला पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज करने के आदेश जारी किए हैं।

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