नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण से जूझ रहे देश-दुनिया के लिए अमेरिकी फार्मास्यूटिकल कंपनी मोडेर्ना ने सोमवार को 94.5 प्रतिशत प्रभावशाली वैक्सीन की घोषणा की है. इसके पहले अमेरिकी फार्मास्यूटिकल कंपनी फाइजर ने पिछले हफ्ते कोविड-19 के खिलाफ 90 प्रतिशत प्रभावशील वैक्सीन लाने की घोषणा की थी. वहीं फाइजर के वैक्सीन में जहां वैक्सीन को रखने की समस्या थी, वहीं मोडेर्ना की वैक्सीन को लेकर ऐसी कोई समस्या नहीं बताई जा रही है.

फाइजर की तरह मोडेर्ना ने RNA वैक्सीन विकसित किया है. इसमें व्यक्ति के शरीर में इंजेक्शन लगाया जाता है, जिससे कोरोना वायरस की तरह स्पाइक प्रोटीन का निर्माण होता है. व्यक्ति का इम्युन सिस्टम ऐसे प्रोटीन की पहचान कर एक रक्षात्मक ढाल तैयार करता है, जो भविष्य में कोरोना वायरस को रोकने में मददगार साबित होता है.

हालांकि, अभी अमेरिकी संस्था एफडीए की अनुमति मिलना है, ऐसे में मोडेर्ना और फाइजर दोनों ही कंपनियां जल्द प्रक्रिया पूरा होने की उम्मीद लगाए हुए हैं. लेकिन इसके पहले एफडीए एक बार परिणाम को फिर से जरूर देखना चाहेगी. फाइजर के वैक्सीन की 90 प्रतिशत प्रभावशीलता 40 हजार लोगों पर किए गए ट्रायल पर आधारित है, वहीं मोडेर्ना ने 30 हजार लोगों पर ट्रायल किया गया है. लेकिन दोनों ही आंकड़े संतोषजन 75 प्रतिशत प्रभावशीलता से कहीं ज्यादा है.

अब बात उत्पादन और भंडारण व्यवस्था की करें तो फाइजर की इस साल के अंत तक दुनियाभर में 5 करोड़ डोज बनाने की योजना तो वहीं मोडेर्ना की साल के अंत तक केवल अमेरिका के लिए 2 करोड़ डोजे बनाने की योजना है. फाइजर के वैक्सीन को सुरक्षित रखने के लिए जहां – 94 डिग्री फैरेनहाइट की जरूरत होगी, वहीं मोडेर्ना के वैक्सीन को एक माह तक – 4 डिग्री फैरेनहाइट पर रखा जा सकता है. दोनों ही वैक्सीन को कुछ हफ्तों के अंतराल में दो बार दिए जाने की जरूरत होगी.