सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर। प्रदेश के व्यावसायिक वाहन मालिकों के लिए राहत भरी खबर है. परिवहन विभाग में टैक्स अदा नहीं कर पाए व्यावसायिक वाहन संचालकों के लिए राज्य सरकार वन टाइम सेटलमेंट स्कीम ला रही है. इस ‘एकमुश्त निपटान योजना’ के तहत त्रैमासिक तथा मासिक कर देय वाहनों में 01 अप्रैल 2013 से 31 दिसम्बर 2018 की अवधि तक अधिरोपित लंबित शास्ति की राशि में पूर्णतः छूट का लाभ दिया जा रहा है. वाहनों पर लंबित कर एवं अधिरोपित ब्याज देय होगी.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में परिवहन विभाग की सेवाओं का लाभ आमजन तक सुविधाजनक ढंग से पहुंचाने का काम किया जा रहा है. इस तारतम्य में राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ मोटरयान कराधान अधिनियम के प्रावधान के तहत कर, शास्ति एवं ब्याज की वसूली योग्य राशि में ‘‘एकमुश्त निपटान’’ की व्यवस्था के अंतर्गत छूट का प्रावधान किया गया है.

इस आशय की अधिसूचना का प्रकाशन मंत्रालय महानदी भवन स्थित परिवहन विभाग द्वारा 2 अगस्त को छत्तीसगढ़ राजपत्र में कर दिया गया है. वन टाइम सेटलमेंट स्कीम से शासन को करीब 200 करोड़ रुपए का फायदा होगा. प्रदेश के कई व्यावसायिक वाहन संचालक सालों से टैक्स जमा नहीं कर रहे हैं. परिवहन विभाग ने कई बार इन्हें नोटिस जारी किया, फिर भी उनके द्वारा जमा नहीं किया गया. परिवहन विभाग के अधिकारियों से प्राप्त जानकारी के अनुसार कैबिनेट की बैठक में एकमुश्त निपटान योजना की स्वीकृति मिल गई है. इसे शीघ्र ही लागू किया जाएगा.

इस संबंध में आयुक्त परिवहन दीपांशु काबरा ने बताया कि जारी अधिसूचना के अंतर्गत त्रैमासिक तथा मासिक कर देय वाहनों में अधिरोपित लंबित शास्ति में छूट केवल ‘एकमुश्त निपटान योजना’ की अवधि 01 अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2023 तक है. इस अवधि के बाद कर, शास्ति एवं ब्याज सहित पूर्ण राशि वसूल की जाएगी. अधिसूचना के अंतर्गत त्रैमासिक तथा मासिक कर देय वाहनों में 01 अप्रैल 2013 से 31 दिसम्बर 2018 की अवधि तक अधिरोपित लंबित शास्ति की राशि में पूर्णतः छूट दी जाएगी. वाहनों पर लंबित कर एवं अधिरोपित ब्याज देय होगी. इसके अलावा मासिक कर देय वाहनों (यात्री वाहन) में, यदि ‘व्हील-बेस’ के कारण कर, शास्ति एवं ब्याज अधिरोपित है, तो लंबित कर एवं ब्याज देय होगा, किन्तु अधिरोपित शास्ति में ‘एकमुश्त निपटान की निर्धारित अवधि तक पूर्णतः छूट दी जाएगी.

प्रदेश में चल रही 50 लाख गाड़ियां

गौरतलब है कि प्रदेश में करीब 50 लाख वाहन चल रहे हैं. इस वर्ष की ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार, करीब 40 हजार वाहन बगैर टैक्स पटाए चल रहे हैं. इनमें से कुछ कंडम हो चुके हैं, और खड़े हैं. इनसे टैक्स की वसूली नहीं हो पा रही है. लगातार बस संचालकों को नोटिस भेज रहा है, लेकिन वे जवाब नहीं दे रहे हैं. टैक्स वसूली के लिए शासन वन टाइम सेलटमेंट स्कीम लाने जा रहा है. इसके तहत वाहन मालिकों को टैक्स में छूट दी जाएगी. एकमुश्त टैक्स लेकर मामले को खत्म कर दिया जाएगा. टैक्स जमा नहीं होने वाले वाहनों को परिवहन विभाग ने काली सूची में डाल दिया है.

20 से 25 हजार वाहनों का फिटनेस टेस्ट नहीं

प्रदेशभर में करीब 20 से 25 हजार वाहनों का कई सालों से फिटनेस टेस्ट नहीं हुआ है. परिवहन विभाग की वेबसाइट पर प्रदेश भर में चलने वाली गाड़ियों, उनके मालिकों का नाम और चालान की डिटेल दर्ज है. वाहन मालिक वेबसाइट पर ऑनलाइन टैक्स जमा कर सकते हैं. व्यावसायिक वाहन मालिकों पर लाखों रुपये फिटनेस टैक्स के रूप में बकाया है. काफी समय से बकाया फिटनेस टैक्स की रिकवरी के लिए परिवहन विभाग वन टाइम टैक्स सेटलमेंट स्कीम ला रहा है. बकाया जमा करने के लिए राशि निर्धारित की जाएगी. इससे जहां वाहन मालिकों को राहत मिलेगी। वहीं, सरकारी राजस्व की रिकवरी होगी.

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