नई दिल्ली। कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लगाया गया लॉकडाउन म्युचुअल फंड के लिए भी मुसीबत बनकर सामने आया है. ऐसे में आरबीआई ने म्युचुअल फंड्स के लिए 50,000 करोड़ के स्पेशल लिक्विडिटी सुविधा की सोमवार को घोषणा की है.

भारतीय रिज़र्व बैंक ने म्युचुअल फंड्स में लिक्विडिटी के दबाव को कम करने के लिए इस सुविधा की घोषणा की, साथ ही स्पष्ट किया कि वह वित्तीय स्थिरता को संरक्षित करने और अर्थव्यवस्था पर कोरोना वायरस के प्रभाव को कम करने के लिए हरसंभव आवश्यक कदम उठाएगा.

दरअसल, कोविड-19 के प्रकोप के कारण पैसों की किल्लत की वजह से बहुत से लोगों ने म्युचुअल फंड्स से पैसा निकाल लिया है, ऐसे में एमएफ पर लिक्विडिटी को लेकर दबाव बढ़ गया है. यही वजह है कि फ्रैंकलिन टेम्पलटन इंडिया ने पिछले सप्ताह अपने छह डेट फंड्स को बंद कर दिया था, जिससे निवेशक इन फंड्स से पैसे नहीं निकाल पाएं.

फ्रैंकलिन टेम्पलटन के इस कदम से निवेशकों के करीब 30 हजार करोड़ रुपये इन डेट फंड्स में फंस गए हैं. फ्रैंकलिन टेम्पलटन इंडिया ने फंड्स को बंद करने के पीछे कोरोना वायरस संकट और लॉकडाउन के चलते नकदी की कमी का हवाला दिया था.