मनेंद्र पटेल, दुर्ग। भिलाई इस्पात संयंत्र के टाउनशिप में रहने वालों के लिए 12 जुलाई का दिन ऐतिहासिक रहा. लंबे समय से अटका लीज डीड रजिस्ट्री विवाद समाप्त हो गया है. इसके साथ ही दुर्ग रजिस्ट्री कार्यालय में पांच लीजधारियों की रजिस्ट्री की गई. इस दौरान विधायक देवेंद्र यादव, भिलाई नगर निगम महापौर नीरज पाल के साथ बीएसपी के अधिकारी और लीजधारक और उनके परिजन मौजूद रहे.

दरअसल, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के दौरान विधायक देवेंद्र यादव ने लीजधारकों की समस्या से अवगत कराया था. इस दौरान सीएम ने बीएसपी अधिकारियों और जिला प्रशासन को जल्द इसका समाधान करने के निर्देश दिए. जिसके परिणाम स्वरूप अब लीज डीड की रजिस्ट्री पर सहमति बन गई है.

साल 2002 से 2006 तक बीएसपी ने पांच चरणों में टाउनशिप क्षेत्र के आवासों को लीज पर दिया. लेकिन लीज की शर्तों में रजिस्ट्री की बात नहीं की गई. जिसके बाद अब जिला प्रशासन को शिकायत प्राप्त हुई कि जिला प्रशासन को लीज डीड की रजिस्ट्री नहीं होने से करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा है. इसलिए इसे पंजीकृत किया जाए. जिसके बाद जिला प्रशासन ने बीएसपी प्रबंधन को नोटिस जारी कर लीज पर दिए गए आवासों की लीज डीड रजिस्ट्री कराने के निर्देश दिए.

इस निर्देश के बाद विवाद पैदा हो गया कि राजस्व विभाग में पंजीयन पुराने दर पर होगा या नए दर पर होगा. अब राज्य सरकार आज पांच लीजधारियों को लीज का पंजीयन कर उन्हें पंजीयन पत्र सौंपा गया. अब 4500 लीजधारियों को पुराने दर पर पंजीयन का लाभ मिल सकेगा.

भाजपा पार्षद ने बताया लीजधारकों के साथ धोखा

वहीं अब इस मुद्दे को लेकर भाजपा ने भी मोर्चा खोल दिया है. भाजपा पार्षद पीयूष मिश्रा ने इस रजिस्ट्री को लोगों के साथ धोखा बता दिया है. उन्होंने बताया कि यह लीजधारियों को मालिकाना हक नहीं देता है, और न ही बैंक इसके आधार पर लोन देगी. यह सिर्फ लीज डीड का पंजीयन है. न कि इनके आवासों का. सिर्फ सरकारी खजाने में पैसा जमा करने के लिए लीज धारियों को गुमराह किया गया है. पीयूष मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस के विधायक और महापौर भिलाई के लोगों को धोखा दे रहें हैं. चुनावी साल में लोगों को गुमराह किया जा रहा है.

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