दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High-Court) ने कनाडा सरकार को राहत देते हुए भारतीय मूल के पूर्व कनाडाई अधिकारी संजय मदान (Sanjay Madan) और उनके सहयोगियों के भारतीय बैंक खातों से लगभग 65.9 करोड़ रुपये की वसूली की अनुमति दी है. यह राशि कनाडा में चल रहे करोड़ों रुपये के गबन से संबंधित मामले से जुड़ी हुई है. जस्टिस मनीत प्रीतम सिंह अरोड़ा ने इंडसइंड बैंक और आरबीएल बैंक को निर्देश दिया कि वे फंड ट्रांसफर करने से पहले ‘नो योर कस्टमर’ प्रक्रिया का पालन करें.

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कोर्ट ने संजय मदान के सभी भारतीय बैंक खातों पर लेन-देन पर रोक लगा दी है, केवल कुछ सीमित छूटों के साथ, जैसे कि कोर्ट द्वारा निर्दिष्ट धनराशि का ट्रांसफर और वैध दस्तावेजों के आधार पर कानूनी फीस का भुगतान.

दिल्ली हाईकोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित हुए संजय मदान ने ट्रांसफर पर अपनी सहमति व्यक्त की. उनके वकील ने अदालत को सूचित किया कि इंडसइंड बैंक में 38 करोड़ और आरबीएल बैंक में 29 करोड़ की राशि जमा है, और मदान को फंड ट्रांसफर करने में कोई आपत्ति नहीं है.

क्या है मामले से जुड़ा पूरा विवाद?

यह मामला 290 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी से संबंधित है, जिसमें संजय मदान, जो ओंटारियो के शिक्षा मंत्रालय में आईटी निदेशक रह चुके हैं, पर आरोप है. उन पर 2011 से 2020 के बीच शेल कंपनियों और कोविड-19 राहत कार्यक्रमों का दुरुपयोग करते हुए 47.4 मिलियन कनाडाई डॉलर की हेराफेरी करने का आरोप लगाया गया है.

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अप्रैल 2023 में उन्हें दोषी ठहराते हुए 10 साल की सजा सुनाई गई. उन्होंने 30 मिलियन कनाडाई डॉलर लौटाने का निर्णय लिया और शेष राशि को 15 वर्षों में चुकाने पर सहमति जताई. यदि वह बाकी पैसे चुकाने में असफल रहते हैं, तो उनकी सजा छह साल और बढ़ सकती है.

कोर्ट में कनाडा सरकार ने दायर की थी अर्जी

कनाडा सरकार ने भारत की दीवानी प्रक्रिया संहिता की धारा 84 के तहत एक रिकवरी केस दायर किया, जो विदेशी सरकारों को भारत में कानूनी कार्रवाई करने की अनुमति प्रदान करता है.

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दिल्ली की अदालत ने यस बैंक, कोटक महिंद्रा, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, आईडीबीआई बैंक और पंजाब नेशनल बैंक को निर्देश दिया है कि वे संजय मदान और उनके सह-आरोपी विधान मदान के खातों से संबंधित जानकारी हलफनामे के रूप में प्रस्तुत करें. इसके साथ ही, दोनों आरोपियों को भारत में उनकी सभी संपत्तियों का विवरण भी अदालत में पेश करने का आदेश दिया गया है.