कोरबा- स्वास्थ्य विभाग का हर व्यक्ति इस समय कोरोना वायरस से लड़ने में अपनी भूमिका निभा रहा है| फिर चाहे वह लैब तकनीशियन ही क्यों न हो। इस क्रम में कोरबा जिले के स्वास्थ्य विभाग के दो लैब टेक्नीशियन अपनी जान की परवाह किए बगैर कर्मवीर के रूप में सैंपल लेने में जुटे हैं। इनकी मुस्तैदी की वजह से जिला धीरे-धीरे रेड जोन से निकलकर औरेंज जोन की ओर बढ़ रहा है।
प्रदेश का कोरबा जिला इन दिनों कोरोना वायरस हॉटस्पॉट के रूप में उभरा है,परंतु स्वास्थ्य विभाग के कर्मयोद्धाओं और जुझारू स्वास्थ्य अधिकारियों की बदौलत कोरोना की रोकथाम करने के प्रयास किए जा रहे हैं. दोनों लैब टेक्नीशियन 24 घंटे सेवाएं देते हुए लोगों का सैंपल ले रहे हैं। जिला अस्पताल कोरबा के लैब टेक्नीशियन दिनेश कुमार साहू और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पताड़ी के राजेन्द्र मानसर सैंपल लेने के साथ ही उनकी पैकिंग कर जांच केन्र्द तक भेजने का कार्य भी पूरी मुस्तैदी से कर रहे हैं। दूसरी ओर राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के डॉक्टर डॉ. हेमंत पटेल और उनका स्टाफ भी संक्रमित क्षेत्रों में सर्विलेंस सेवाएं देते हुए घर-घर भ्रमण कर लोगों के स्वास्थ्य की जानकारी हासिल कर रहे हैं। इनके साथ ही इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम (आईडीएसपी) डेटा मैनेजर विमलेश बारी व उनकी टीम दिन रात डेटा अपडेट कर जानकारी देने में जुटी है।
अब तक की जांच की स्थिति– पहला केस मिलने के बाद से ही कोरबा जिले व आसपास के क्षेत्रों में कोरोना जांच शुरू हुई। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक 26 अप्रैल तक के आंकड़ों के अनुसार विदेश के आए 261 व्यक्तियों की जांच की गई जिसमें 120 व्यक्ति कोरबा जिले से बाहर के शामिल थे। दूसरे राज्यों और जिले के बाहर से आए कुल 9002 व्यक्तियों की स्क्रिनिंग हुई जिसमें से 257 व्यक्तियों को क्वारेन्टाईन किया गया और 4956 को होम आईसोलेशन में रखा गया।
जिले के 3896 का लिया सैंपल – जिले के डिस्ट्रिक्ट सर्विलेंस ऑफिसर डॉ. कुमार पुष्पेश एवं जिला एपीडिम्योलॉजिस्ट डॉ. प्रेम प्रकाश आनंद ने बताया सीएमएचओ बी.बी. बोर्डे के नेतृत्व में कोरोना सर्विलेंस का कार्य किया जा रहा है। 26 अप्रैल तक कोरबा में 3896 लोगों के सैंपल लिए गए जिनमें 3713 व्यक्तियों की रिपोर्ट मिली है। इनमें 3683 की रिपोर्ट निगेटिव आई है। 28 व्यक्ति पॉजिटिव मिले तो 183 सैंपल की रिपोर्ट आना बाकी है। सभी पॉजिटिव मरीजों का इलाज एम्स अस्पताल रायपुर में किया गया। 28 में से 24 लोगों को एम्स रायपुर से डिस्चार्ज कर कोरबा भेज दिया गया है। मगर कोरबा सर्विलेंस स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा उन मरीजों को उनके घर ना भेजकर कोरबा के क्वारेंटाइन सेंटरों में रखा गया है।
कोरेन्टाईन और आईसोलेशन सेंटर की स्थिति- कोरबा जिले में कुल 10 कोरेन्टाईन सेंटर बनाए गए हैं। इनमें रशियन हॉस्टल कोरबा, सीटीआई गेस्ट हाउस गेवरा, होटल टॉप एंड टाउन, एकलव्य आवासीय विद्यालय, होटल ग्रीन पार्क, होटल रीलेक्स इन, आईटी कॉलेज झगरहा, बालाजी हॉस्पीटल, सरस्वती शिशु मंदिर प्रगति नगर, इरेक्टर हॉस्टल आदि शामिल हैं। वहीं तीन आईसोलेशन सेंटर बनाए गए हैं जिनमें जिला अस्पताल कोरबा, ईएसआईसी हॉस्पिटल तथा एनटीपीसी हॉस्पिटल शामिल हैं।