अमेठी. मुसाफिरखाना तहसील क्षेत्र से गुजरने वाले एनएच 56 बाईपास के मुआवजा वितरण में बड़ा घोटाला हुआ है. इस मामले में दो पीसीएस अफसरो पर नामजद और अन्य अज्ञात पर मुकदमा दर्ज हुआ है. अफसरों ने बाईपास के मुआवजा वितरण में 382 करोड़ रुपए अधिक का भुगतान कर दिया था.

मामले का खुलासा डीएम द्वारा जांच करवाए जाने के बाद हुआ था. शासन के आदेश के क्रम में मुसाफिरखाना के रजिस्ट्रार कानूनगो ने मुसाफिरखाना कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है. एनएच 56 से जुड़े दो बाईपासों के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए मुआवजा वितरण में घपले का मामला प्रकाश में आने पर डीएम राकेश कुमार मिश्र ने साल भर पहले तत्कालीन एडीएम आरके द्विवेदी की अगुवाई में एक कमेटी बनाते हुए जांच करवाई थी. डीएम ने पूरी जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी थी. जांच रिपोर्ट पर लंबे समय से लगातार मंथन चल रहा था. प्रकरण में शासन ने जिला प्रशासन को आदेश जारी करते हुए दोषी पाए गए अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज करने को कहा था.

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शासन के आदेश के क्रम में बुधवार को मुसाफिरखाना के रजिस्ट्रार कानूनगो सुरेंद्र प्रसाद श्रीवास्तव ने कोतवाली में तहरीर देते हुए मुआवजा निर्धारण और वितरण में घपले का आरोप लगाते हुए तत्कालीन भूमि अध्याप्ति अधिकारी/ एसडीएम आरडी राम तथा अशोक कनौजिया पर धोखाधड़ी तथा गबन की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है. इन दोनों अधिकारियों के अतिरिक्त अन्य अज्ञात पर भी केस दर्ज किया गया है. आरोपी आरडी राम रिटायर हो चुके हैं, जबकि अशोक कनौजिया वर्तमान में निदेशालय युवा कल्याण लखनऊ में तैनात हैं.

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