कवर्धा।  छत्तीसगढ़ के कवर्धा में स्वास्थ्य विभाग  के अंदर बड़ा घोटाला सामने आया है। स्वास्थ्य विभाग ने बगैर वजन, बैच नंबर और एक्सपायरी डेट के करोड़ों रुपयों की वैक्सिन की खरीदी कर ली। इसके साथ ही विभाग ने बगैर कंपनी के नाम व मॉडल नंबर के एसी व फ्रीज की भी खरीदी कर डाली वह भी एक ही फर्म से।

लल्लूराम डॉट कॉम को मिले दस्तावेजों के अनुसार, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय कवर्धा की एंटी रेबीज वैक्सीन की खरीदी में सप्लायर और अधिकारी की मिलीभगत से, सरकार को करोड़ों का नुकसान पहुंचाए जाने की आशंका है।

एंटी रेबीज वैक्सिन खरीदी के बिल में न तो दवा निर्माता कंपनी का नाम है, न बैच नंबर और न ही एक्सपायरी डेट लिखी हुई है। इसे आशा डिस्ट्रीब्यूटर से खरीदा गया है। एंटी रेबीज वैक्सिन की दवा की सरकारी दर 314 है लेकिन इसे 400 रुपए में खरीदा गया, बाजार में यह वैक्सीन 300 रुपए के आस-पास मिलती है।

आशा डिस्ट्रीब्यूटर के नाम पर लगे बिल में आशा डिस्ट्रीब्यूटर, और उसके नीचे फार्मास्युटिकल डिस्ट्रीब्यूटर लिखा गया है, लेकिन इस फर्म से न सिर्फ दवा ही खरीदी गई है बल्कि कंप्यूटर, फ्रीज, एसी और कुर्सियां तक की खरीदी की गई है। जो एसी की खरीदा गया है उसके बिल में न तो मॉडल नंबर है और न ही कंपनी का ही नाम है। एसी जो सामान्यतः 50 हजार के आस-पास में बाजारों में मिलता है उसे 78 हजार में खरीदा गया है।

और तो और सारी खरीदी एक ही महीने में की गई है, बिल को एक ही दिनांक में बनाया गया है लेकिन अलग-अलग ताकि एक लाख रुपए से कम की खरीदी दिखाई जा सके। एक ही दिन बनाए गए इन बिलों में कंप्यूटर से तो मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी अंबिकापुर लिखा गया था, जिसे काटकर हाथ से कवर्धा किया गया है।