कुंदन कुमार, पटना. बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक है. ऐसे में सभी पार्टियों अपनी-अपनी तरह से तैयारी कर रही हैं. कांग्रेस भी इस बार बिहार चुनाव में अपनी पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतर रही है. चुनाव से पहले पार्टी ने बिहार में नए कांग्रेस प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष बनाए हैं. वहीं, महागठबंधन की बैठक भी लगातार दो बार हुई है. हालांकि अभी तक महागठबंधन का चेहरा कौन होगा इसे लेकर कोई निर्णय नहीं हुआ है.

‘राहुल गांधी की मांग थी जातीय जनगणना ‘

इन सभी मुद्दों पर लल्लूराम.com के संवाददाता ने आज कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौर से बातचीत की है. बातचीत के दौरान राजेश राठौड़ ने कहा कि, जातीय जनगणना पूरे देश में करने का निर्णय लिया गया है और यह सबसे पहले हमारे नेता राहुल गांधी का ही मांग रहा था. उन्होंने कहा कि, लगातार सदन से लेकर सड़क तक कांग्रेस ने जातीय जनगणना करने की मांग को लेकर लड़ाई लड़ी. अंत में सरकार ने उसको हरी झंडी दी है. निश्चित तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को हम धन्यवाद देते हैं.

महागठबंधन की सरकार बनाने का किया दावा

वहीं, एक अन्य सवाल के जवाब में राजेश राठौर ने कहा कि, बिहार में दो बार महागठबंधन घटक दल के नेताओं की बैठक हुई है. तीसरी बार भी बैठक होने वाली है. 4 मई को यह बैठक है और हम लोग इस बार एक रणनीति के तहत चुनावी मैदान में जाएंगे. उन्होंने कहा कि, इस बार महा गठबंधन में घटक दल की संख्या भी बड़ी है. कुल सात पार्टियां हम लोग एक साथ है और बिहार की जनता पूरी तरह से इस बार महा गठबंधन का साथ देने का काम करेगी और बिहार में इस बार सरकार बदलेगी यह बात आप समझ लीजिए.

कांग्रेस को है इस बात का अंदेशा

बिहार में महागठबंधन की सरकार बनेगी ऐसा दावा कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने किया है. वही राजेश राठौड़ ने कहा कि, जातीय जनगणना करने की घोषणा मोदी सरकार ने कर दिया है, लेकिन कांग्रेस को अंदेशा है कि महिला बिल के तरह भी से ठंडा बस्ते में नहीं डाल दे.

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