नई दिल्ली. मौजूदा राजनीति व्यवस्था को लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की मन की बात जुबान पर आई है. गडकरी ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि कभी-कभी मन करता है कि राजनीति ही छोड़ दूं. समाज में और भी काम हैं, जो बिना राजनीति के किए जा सकते हैं.

गडकरी ने कहा कि महात्मा गांधी के समय की राजनीति और आज की राजनीति में बहुत बदलाव हुआ है. बापू के समय में राजनीति देश, समाज, विकास के लिए होती थी, लेकिन अब राजनीति सिर्फ सत्ता के लिए होती है. हमें समझना होगा कि राजनीति का क्या मतलब है. क्या यह समाज, देश के कल्याण के लिए है या सरकार में रहने के लिए है? ऐसा पहली बार नहीं है जब गडकरी ने ऐसा बयान दिया हो, मगर सोशल मीडिया पर इस बयान की चर्चा खूब हो रही है.विपक्ष के कई नेता उनके बयान को वायरल करने में लगे हुए हैं. इसके अलावा आम यूजर्स भी गडकरी के इस बयान पर अपनी टिप्पणी कर रहे हैं.

कार्यक्रम में नितिन गडकरी ने कहा कि राजनीति गांधी के युग से ही सामाजिक आंदोलन का हिस्सा रही है. उस समय राजनीति का इस्तेमाल देश के विकास के लिए होता था. आज की राजनीति के स्तर को देखें तो चिंता होती है. आज की राजनीति पूरी तरह से सत्ता केंद्रित है. मेरा मानना है कि राजनीति सामाजिक-आर्थिक सुधार का एक सच्चा साधन है इसलिए नेताओं को समाज में शिक्षा, कला आदि के विकास के लिए काम करना चाहिए.

गिरीश गांधी के सम्मान समारोह में कही बात
गडकरी नागपुर में सामाजिक कार्यकर्ता गिरीश गांधी को सम्मानित करने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे. पूर्व एमएलसी गिरीश गांधी पहले एनसीपी के साथ थे, लेकिन 2014 में उन्होंने पार्टी छोड़ दी. गडकरी ने कहा कि जब गिरीश भाऊ राजनीति में थे, तो मैं उन्हें हतोत्साहित करता था क्योंकि मैं भी कभी-कभी राजनीति छोड़ने के बारे में सोचता हूं. ​​​​राजनीति के अलावा, जीवन में कई चीजें हैं जो करने योग्य हैं.