Hathras Stampede. उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के फुलरई गांव में मंगलवार को नारायण साकार हरि भोले बाबा उर्फ सूरज पाल के सत्संग में भगदड़ मच गई. इस घटना में अब तक कुल 121 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं कई लोग घायल हैं, जो अस्पताल में हैं. इस हादसे में अब तक सिर्फ एक ही व्यक्ति पर एफआईआर दर्ज हुई है.

बता दें कि सिकंदराराऊ थाने में एक ही व्यक्ति मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर पर ही एफआईआर हुई है. बताया जा रहा है कि आयोजन समिति में 78 लोगों के नाम शामिल हैं. इसके बाद भी इन आयोजकों के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है. वहीं बाबा पर भी अब तक कोई केस दर्ज नहीं हुआ है और न ही उसकी गिरफ्तारी हुई है. बता दें कि जितने भी आयोजक हैं, उनमें ज्यादातर पढ़े-लिखे और नौकरी-चाकरी वाले लोग हैं.

भीड़ हुई बेकाबू और मच गई भगदड़

इस मामले की जांच के दौरान जो तथ्य निकलकर सामने आ रहे हैं वो बेहद चौकाने वाले हैं. अधिकारियों के अनुसार सत्संग में 80 हजार लोगों की अनुमति थी, लेकिन ढाई लाख लोगों की भीड़ जुट गई थी. जिन्हें सही से मैनेज करने का कोई प्रबंध नहीं था. जब वहां मौजूद श्रद्धालुओं में बाबा के चरण रज व पैर छूने की होड़ लगी गई थी. इतने में भगदड़ मच गई.

जानिए बाबा ने क्याें बदला अपना नाम

बता दें कि हाथरस सत्संग हादसे के बाद ‘भोले बाबा’ की गिरफ्तारी नहीं हुई है. पुलिस उसके मैनपुरी स्थित आश्रम के बाहर मौजूद है, लेकिन उसे गिरफ्तार नहीं कर पा रही है. इस बीच उसका सियासी कनेक्शन सामने तो आया है. बताया जा रहा है कि बाबा के ऊपर यौन शोषण समेत 5 गंभीर आरोप दर्ज हैं. वह जेल भी जा चुका है जिसके बाद उसने अपना नाम बदल लिया था.

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