मुंबई। आखिरकार 863 दिनों के इंतजार के बाद एस्सार स्टील के लेनदारों को राहत मिल गई है. दुनिया की सबसे बड़ी स्टील कंपनी आर्सेलर मित्तल ने शुक्रवार को एस्सार स्टील के लिए तमाम देनदार बैंकों को 42 हजार करोड़ रुपए ट्रांसफर कर दिया. इस राशि का बंटवारा सोमवार तक सभी बैंकों को हो जाएगा. यह भारत के इतिहास में बैंकों की अब तक की सबसे बड़ी रिकवरी है.
भारतीय दिवाला और शोधन अक्षमता कोड (Insolvency & Bankruptcy Code) के लागू होने के बाद से इस सबसे बड़ी रिकवरी में एस्सार स्टील पर बकाया 49,046 करोड़ रुपए में से 40 हजार करोड़ रुपए के भुगतान से 90 प्रतिशत बैंकों को चुकता हो जाएगा. इसके अलावा प्रक्रिया को पूरा करने के लिए 1196 करोड़ रुपए का भुगतान किया जाएगा.
भारतीय मूल के अरबपति लक्ष्मी मित्तल के आधिपत्य वाले आर्सेलर मित्तल द्वारा किए गए भुगतान का सबसे बड़ा हिस्सा स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को जाएगा, जिसे 13,226 करोड़ रुपए में से 12,161 करोड़ मिलेंगे. वहीं आईडीबीआई बैंक को 2481 करोड़ में से 2282 करोड़, कैनरा बैंक को 3798 करोड़ में से 3493 करोड़, स्टैंडर्ड चार्डेट बैंक को 3557 करोड़ में से 60.71 करोड़ रुपए और इसी तरह अन्य 23 बैंकों-देनदारों को भुगतान किया जाएगा.
बता दें कि एस्सार स्टील उन 12 सबसे बड़े देनदारों की सूची में शामिल था, जिन्हें रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने जून 2017 में तैयार कर नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) को रिकवरी के लिए भेजा था. अक्टूबर 2018 में पारित प्रस्ताव में देनदारी की 49,046 करोड़ रुपए में से 42,000 करोड़ रुपए देनदारों को सौंपने पर सहमति बनी थी. इस बीच रुइया संचालित एस्सार स्टील एशिया ने 54389 करोड़ रुपए नगद बैंकों को देने का प्रस्ताव किया था, जिसे जनवरी 2019 में एनसीएलटी ने खारिज कर दिया था. इसके बाद मार्च 2019 को एनसीएलटी ने आर्सेलर मित्तल के 42 हजार करोड़ रुपए के प्रस्ताव को सहमति प्रदान की थी.