नई दिल्ली। लॉकडाउन में अपने बीमार पिता को साइकिल में पीछे बिठाकर 1200 किमी के सफर की वजह से सुर्खियों में आई बिहार की ज्योति कुमारी साइकिलिंग फेडरेशन के ट्रायल की बजाए पढ़ाई को तवज्जो देगी.

ज्योति कुमारी मीडिया बिहार के सिरहौली स्थित अपने घर में पहुंचने के बाद मीडिया से चर्चा में कहा कि मैं पहले अपनी पढ़ाई पूरी करना चाहती हूं. वैसे भी मैं इतना लंबा सफर करने के बाद थक गई हूं.

बता दें कि 15 वर्षीय ज्योति गुरुग्राम से बिहार के सिरहौली स्थित घर तक का 1200 किमी का सफर अपने बीमार पिता को साइकिल में पीछे बिठाकर सात दिन में पूरा किया था. उसका यह सफर देशभर की मीडिया ने कवर किया. इसका परिणाम यह हुआ कि साइकिलिंग फेडरेशन ने उसे ट्रायल के लिए बुलाया था.

ज्योति की खबर केवल लोगों तक ही पहुंची हो ऐसा नहीं है. लोक जनशक्ति पार्टी के नेता चिराग पासवान तक यह खबर पहुंची तो उन्होंने ज्योति की पढ़ाई का पूरा खर्च उठाने का जिम्मा ले लिया. उन्होंने कहा कि ज्योति चाहे जिस विषय में पढ़ाई करना चाहे मैं उसका पूरा खर्च उठाउंगा.

यह ज्योति के लिए सपना पूरा होने जैसे रहा. ज्योति ने चर्चा में बताया कि वह अपने पारिवारिक दिक्कतों और घरेलू कार्य की वजह से पढ़ाई नहीं जारी नहीं रख पाई थी, लेकिन अब मैं मैट्रिकुलेशन की पढ़ाई पहले पूरा करना चाहती हूं.

वहीं उसके पिता मोहन पासवान ने समाचार एजेंसी को चर्चा में बताया कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद हम साइकिलिंग फेडरेशन के ट्रायल के लिए अपनी बेटी को जरूरी भेजेंगे, जल्द ही ज्योति कक्षा नवमीं में अपना नाम दर्ज कराएगी. हम चाहते हैं कि वह अपना मेट्रिकुलेशन पूरा करे.