पुरुषोत्ताम पात्र, गरियाबंद। धान बेचने किसानों को अब टोकन लेकर इंतजार नहीं करना पड़ेगा. किसानों को सहूलियत के लिए भूपेश सरकार ने गरियाबंद सहकारी योजना लागू कर 28 नई सोसायटी का गठन किया है. इस तरह से पहले के 33 को मिलाकर अब जिले में 66 सहकारी समिति हो गए हैं.
कांग्रेस सत्ता में आने के बाद लगातार किसान हित में फैसले लेने लगी है. गरियाबंद सहकारी समिति पुनर्गठन योजना बना कर जिले के किसानों को एक और तोहफा भूपेश सरकार ने दिया है. सहकारिता विभाग द्वारा मंत्रालय से 16 अक्टूबर को एक आदेश में 28 नए सहकारी समितियो के नाम जारी किया गया है. जिले मे पहले 38 सहकारी समिति थे, नए 28 समिति को मिलाकर अब गरियाबंद जिले में 66 सहकारी समिति हो गए हैं. दर्रीपारा, पोड़, सांकरा, बेलटुकरी, कोमा, पोखरा, जेन्जरा, देवरी, कनसिंघी, लोहझर, अकलवारा, सहसपुर, पक्तियां, पीपरछेड़ी कला, कोयबा, खोखमा, मूढ़गेलमाल, झिरिपानी, रोहनागुड़ा दिवानमूडा, गोहरापदर (देवभोग), नागाबुड़ा, मरौदा, सोहागपुर, परसदा कला, धौराकोट, गोहरापदर (मैनपुर), तेतलखूंटी, कोसमी ये 28 नए सहकारी समितियों का गठन किया गया है.
धान खरीदी केंद्र भी बढ़ेंगे
आदिवासी कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री जनक ने नई सोसाइटियों की सूची उपलब्ध करते हुए बताया कि पिछले वर्ष ख़रीदी योजना में टोकन लेकर भी समय पर धान का विक्रय करने में किसानों को कठनाई महसूस हो रही रही. किसानों के हित में सीएम लिए गए इस महत्वपूर्ण फैसले के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व सहकारिता मंत्री प्रेमसाय टेकाम का जिले के किसान आभारी हैं.